राँची, दिनांक 11, जुलार्इ, 2012
महामहिम राज्यपाल डा0 सैयद अहमद ने कहा है कि मानव जीवन में मुद्रा का महत्वपूर्ण स्थान है, अब हम इसके बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकते हैं। महामहिम राज्यपाल ने उक्त बातें राजभवन के दारबार हाल में आयोजित स्वर्ण सुमन एवं अमिय आनन्द द्वारा रचित पुस्तक ”मुद्रा का संसार के लोकार्पण समारोह के अवसर पर कही। पुस्तक लोकार्पण समारोह में प्रधान सचिव श्री आदित्य स्वरूप, राँची वि0वि0 के कुलपति डा0 एल0एन0 भगत, प्रतिकुलपति प्रो0 वी0पी0 शरण, कुलसचिव डा0 ज्योति कुमार, प्रसिद्ध चिकित्सक डा0 सुमंत मिश्रा एवं वि0वि0 के बहुत से प्राध्यापकगण एवं बुद्धिजीवी उपसिथत थे।
महामहिम राज्यपाल ने कहा कि आरंभ में हमारे देष में वस्तु-विनिमय प्रणाली थी। लोग वस्तु के बदले वस्तु देते थे, परंतु इसमें कठिनार्इ थी, इन्हीं कठिनार्इयों के समाधान के क्रम में मुद्रा का जन्म एवं प्रचलन हुआ। उन्होंने कहा कि प्राचीन मुद्रायें अपने समय का इतिहास एवं संस्कृति को दर्षाता है। महामहिम राज्यपाल ने कहा कि दोनों युवा लेखकों ने काफी श्रम करके यह पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में देष एवं दुनिया के मुद्राओं को बतलाने का सार्थक प्रयास किया गया है। पुस्तक में गंभीर बातों को सरल, स्पष्ट एवं बोधगम्य भाषा में बतलाया गया है। महामहिम ने पुस्तक के लेखकों को शुभकामना दी।
इस अवसर पर राँची विष्वविधालय के कुलपति डा0 एल0एन0 भगत ने कहा कि विष्वविधालय अपने शोध के स्तर में सुधार किया है, जिसका परिणाम है कि इस प्रकार की पुस्तक हमारे समक्ष है, जिसे देष के सर्वाधिक प्रतिषिठत प्रकाषक नेषनल बुक ट्रस्ट ने प्रकाषित किया। उन्होंने कहा कि पुस्तक के लेखक ने अपने कृति से विष्वविधालय का मान बढ़ाया है। इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रो0 वी0पी0 शरण एवं कुलसचिव ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष, इतिहास, स्नातकोŸार विभाग, राँची वि0वि0 प्रो0 आर्इ0के0 चौधरी ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि लेखक ने गंभीर विषय को बोधगम्य भाषा में लिखा, जो प्रषंसनीय है। आरंभ में लेखक द्वय ने पुस्तक के विषय-वस्तु पर प्रकाष डाला।
फोटो पी0आर0डी0 सार्इट पर उपलब्ध है।
(ष्यामानन्द झा)
जनसंपर्क पदाधिकारी