राजभवन में आयोजित राज्य स्तरीय गुलाब प्रदर्षनी के पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर माननीय राज्यपाल महोदय के अभिभाषण हेतु विचारणीय बिन्दु:-
- मुझे राजभवन में आयोजित इस गुलाब प्रदर्षनी में समिमलित होकर अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है।
- फूल प्राचीन काल से ही लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। फूलों का मानव जीवन के साथ गहरा सम्बन्ध सदा से रहा है। आप सभी जानते हैं कि प्राचीन काल से ही भारत के लोगों की सामाजिक-सांस्कृतिक एवं धार्मिक जीवनषैली में फूलों के बगीचे का महŸव रहा है।
- फूल र्इष्वर द्वारा दिया हुआ वह अनुपम उपहार है, जो सजने-संवरने, पूजा-पाठ इत्यादि अन्य कार्य में आता है, यानि फूल जिन्दगी के हर मोड़ में अपनी आवष्यकता महसूस कराता है। यह सुन्दरता, कोमलता का पैमाना भी है। समस्त मानवता से मुहब्बत करनेवाले सदा फूलों से जुड़े रहे हैं। हमारे ऋषि-मुनियों ने फूलों के बीच रहकर दुनिया को अपने इल्म से रौषन किया।
- जहाँ तक गुलाब की बात है तो कहा जाता है कि जिस उधान अथवा बगीचे में गुलाब का पौधा न हो, वह अधूरा प्रतीत होता है।
- यह प्रेम, सम्मान एवं दोस्ती की निषानी है। इस पुष्प में जीवन की कटुता, कड़वाहट आदि को मिटाने एवं भार्इचारे व मुहब्बत का संदेष निहित है।
- कहा जाता है कि गुलाब का फूल संवेदनषील होता है। स्वामी द्वारा इस पौधे पर ध्यान अथवा अपने हाथों से खुरपी चलाने यह और खिल उठता है।
- शेक्सपियर ने कहा था कि गुलाब के फूल को जिस नाम से भी पुकारा जाय, इसकी सुन्दरता और महŸव वही रहेगा।
- आप सभी अवगत हैं कि गुलाब की खासियत के कारण ही हमारे देष के प्रथम प्रधानमंत्री स्व0 पंडित जवाहरलाल नेहरू सदैव इसे अपनी अचकन में लगाये रखते थे।
- गुलाब के विभिन्न किस्म यथा देषी एवं हाइबि्रड होते हैं जिसमें देषी गुलाब का अपना महŸव है क्योंकि ये बहुत सुगंधित होते हैं।
- राजभवन, राँची उधान में भी अन्य फूलों के साथ बहुत किस्म के गुलाब के फूल हैं जिसमें देषी गुलाब भी काफी संख्या में मौजूद हैं। मेरे द्वारा अपने पैतृक जिला फैजाबाद, उŸार प्रदेष से भी देषी गुलाब कुछ माह पूर्व मंगाये गये थे जो अत्यन्त खुषबूदार है एवं उधान को सुषोभित कर रहे हैं।
- आप सभी अवगत होंगे कि विगत कुछ वर्षों से राजभवन, राँची का उधान आमलोगों के भ्रमण एवं परिदर्शन हेतु खोला जाता रहा है। विगत वर्ष 3 लाख 25 हजार से अधिक लोगों ने राजभवन उधान का परिभ्रमण एवं परिदर्षन किया। वृद्धों एवं नि:षक्तों को उधान के भ्रमण में किसी भी प्रकार का परेषानी न हो, अत: उन्हें बैट्री गाड़ी से भ्रमण कराने का निदेष दिया गया।
- गुलाब को फूलों का राजा यूँ ही नहीं कहा जाता है, रंग और सौन्दर्य के साथ-साथ यह अत्यन्त खुषबूदार व बहुपयोगी होता है।
- सौन्दर्य उपचार के लिए भी गुलाब कर्इ रूपों में उपयोगी है। गुलाब के विभिन्न रूप में जैसे- तेल, सूखे पाउडर, उबटन आदि रूप में इस्तेमाल किया जाता है। गुलाब के कर्इ अन्य उत्पाद गुलाब जल, इत्र, गुलकन्द आदि भी हैं। इसकी पŸाियों में विटामिन र्इ होता है जो त्वचा के लिए लाभदायक होता है। संक्षेप में कह सकते हैं कि गुलाब मन और सौन्दर्य दोनों के लिए अच्छा है।
- मुझे खुषी है कि आज लोग व्यस्त होने के बावजूद फूल लगाने में और उसकी देख-रेख करने में दिलचस्पी रखते हैं, ये खुषी की बात है। तजर्ुबा ये कहता है कि फूलों की देख-भाल से उन्हें एक अदद खुषी मिलती है। जहाँ फूल के इतने सारी अहमियत हैं तो ऐसे में हमारा राज्य इससे कैसे दूर रह सकता है?
- हमारे राज्य में ऐसे कर्इ फूल प्रेमी हैं जो अपने घरों और बगानों में तरह-तरह के फूलों की खुबसूरती और खुषबूओं के संग आनन्द महसूस करते हैं। फूलों के शौक़ीन, चाहे वो गुलाब के हों या अन्य के, अपने एक-एक फूल को निहारते हैं।
- फूलों को ऊर्जा का निषानदेही भी माना गया है जिससे यह हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन गया है। यूँ कहें कि फूलों की प्रकृति में ही खुषी बांटना है और वो खुषी रूह की होती है।
- आज भारत के फूलों की मांग विदेषों में काफी अधिक है। एक ओर जहाँ हमारे यहाँ फूलों के निर्यात को ध्यान में रखकर इसकी खेती में हर वर्ष इजाफा हो रही है, वहीं दूसरी ओर फूलों के बीजों की मांग भी विदेषों में अधिक होने लगी है। यानि यह मुनाफा देनेवाला व्यापार हो गया है। इस समय इसके व्यापार से लाखों लोग जुड़े हैं।
- झारखंड राज्य में गुलाब फूल के कारोबारी खेती की बेहपनाह संभावना है। यहाँ की मिêी तथा आबोहवा इसके लिये अनुकूल है।
- फूलों के अच्छी खेती के लिए सही तकनीकी एवं इल्म लोगों को मिले तो इस राज्य से फूल भारी तादाद में निर्यात हो सकेंगे।
- इस प्रकार के आयोजन से राज्य में फूलों की खेती व उसकी गुणवŸाा के सन्दर्भ में जानकारी प्राप्त होगी तथा उनको प्रोत्साहन प्राप्त होगा।
- आज इस गुलाब प्रदर्षनी में पुरस्कार प्राप्त करनेवाले व्यकितयों को बधार्इ देता हूँ। साथ ही, इस प्रदर्षनी में प्रदर्ष हेतु गुलाब के पौधै लानेवाले व्यकितयों की भी सराहना करता हूँ।
- मैं आयोजक को इस बेहतर आयोजन के लिए बधार्इ देता हूँ।