दूषित पानी पीकर बीमार पड़ रहे लोग
* राज्य के 17 जिलों के गांवों में फ्लोराइड, नाइट्रेट व आयरन युक्त पानी
।। मधुकर ।।
रांची : राज्य के दर्जनों गांव ऐसे हैं, जहां के लोग फ्लोराइड, नाइट्रेट और आयरन पीकर बीमार हो रहे हैं. वहां के चापानलों से कहीं आयरन, तो कहीं नाइट्रेट निकलता है, तो कहीं फ्लोराइड. संबंधित गांव के लोग जानते भी नहीं है कि उनके बच्चों के दांत और हाथ-पांव फ्लोराइड की वजह से टेढ़े-मेढ़े हो रहे हैं.
आयरन अधिक होने से पेट की बीमारी से त्रस्त हैं. राज्य के 24 में से 17 जिले के गांव प्रभावित हैं. इस बार 59 गांव चिह्न्ति किये गये हैं, जहां नाइट्रेट, फ्लोराइड व आयरन से निजात पाने के लिए फिल्टर लगाये जायेंगे. बता दें कि पिछले साल 2275 टोलों में फिल्टर लगाये जाने थे, जो नहीं लगे.
* फिल्टर लगाने के लिए 59 गांव चिह्न्ति
– प्रभावित जिले
बोकारो, चतरा, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, रामगढ़, रांची, सरायकलेगा और सिमडेगा.
– प्रभावित गांव
रांची : बुढ़मू का सिंदरौल गांव व कांके का पुटकलटोली. गढ़वा : कल्याणपुर और मुसलिम टोला. गुमला : दरकेसा, नदीटोली, सिसई ब्लॉक कॉलोनी. जामताड़ा : बाउरीटोला, सोरेनपाड़ा, बंगालीपाड़ा, बंगाली टोला, बीचटोला व मुसलिम टोला.
खूंटी : नदीपार, लुपुंगहातू, रहमानटोली. लोहरदगा : बगीचाटोली, अंबाटोली, पुजारटोली, टंगराटोली, बाक्सी, बजारटोली, लोहारटोली, चमारटोली, बढ़वाटोली, किशोरपुर, मंडपटोली, करचाटोली, नीचेटोली, जेलखानाटोली, कटहरटोली. चाईबासा:डुंगरीपदमा, बंदासाईं, गुटुसाईं, हरिजनटोली, हेसापी, इंदिरा कॉलोनी, लोआपी, लतासाईं, हितबानी, ऊपरटोला, ऊपरटोला चोला गोरा.

* जो 59 टोले चिह्न्ति किये गये हैं, वे सभी के सभी दलित-आदिवासी, अल्पसंख्यक बहुल टोले हैं. 80 फीसदी से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं. रोज की मजदूरी से घर चलते हैं. पहले इन गांवों में कुएं थे, चुआं थे, नदियां थीं, तालाब थे. पानी से न फ्लोराइड निकलता था, न नाइट्रेट. चापानल की वजह से कुआं, चुआं बेकार हो गये. नदियां सूख गयीं. तालाबों पर दबंगों ने कब्जा कर लिया. अब केवल चापानल ही भरोसा है.