A meeting was held today on ‘Plastic free Jharkhand.The meeting was presided by Governor’s Advisor Madhukar Gupta.
A press release issued by the public relations department in Hindi said as follows:
पर्यावरण की सुरक्षा ही हमारी सुरक्षा है, भविष्य की सुरक्षा है। पर्यावरण को दूषित करने में पलासिटक मुख्यतया जिम्मेवार है। प्लासिटक के प्रयोग को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करने की आवश्यकता है।
महामहिम राज्यपाल के सलाहकार श्री मधुकर गुप्ता की अध्यक्षता में इस परिप्रेक्ष्य में आज ”प्लासिटक मुक्त झारखंड” की स्थापना के उददेश्य से एक अहम बैठक हुर्इ। महामहिम राज्यपाल के सलाहकार श्री के0 विजय कुमार भी इस बैठक में समिमलित हुए।
महामहिम राज्यपाल के सलाहकार श्री मधुकर गुप्ता ने कहा कि 50 डपबतवद तक के 12श्ग18श् तक के प्लासिटक के उपयोग को पूर्णतया प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव है । इस प्रकार के प्लासिटक के बैग इत्यादि गंदगी एवं प्रदूषण फैलाने के लिए मुख्यतया जिम्मेवार है । भारत सरकार ने पूर्व से ही इस संबंध में नियम लागू किए हैं और अब झारखंड राज्य में भी इस संबंध में अधिसूचना जारी किए जाने की कार्रवार्इ प्रक्रिया में है, जिसके लिए शीघ्र ही दो माह का नोटिस जारी किया जाएगा। इस पृष्ठभूमि में सभी संबंधित विभागोंसंस्थाओं, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण पर्षद तथा नगर निगमनिकायों की भूमिका अहम होगी, को प्रतिबंध को कारगर रूप से लागू करने के लिए कार्य योजना बनानी होगी।
उन्होंने कहा कि इस परिप्रेक्ष्य में प्लासिटक थैलों का निर्माण, भंडारण एवं बिक्री करने वाली इकाइयों को चिनिहत करना होगा और इस प्रकार कार्रवार्इ सुनिशिचत की जानी होगी, ताकि इनकी उपलब्धता एवं आपूर्ति पर प्रभावी रोक हो सके । यदि ऐसा होता है तो स्वत: इससे फैलने वाली प्रदूषण पर रोक लगेगी । इसी के साथ-साथ दूकानों के स्तर पर भी इस प्रकार के प्लासिटक थैलों के उपयोग को रोका जाना होगा । इसके लिए यह भी आवश्यक होगा कि जो लोग बाजार एवं हाट आदि से ऐसी सामगि्रयां खरीदते हैं एवं जिनके द्वारा ऐसे थैलों का मुख्यतया इस्तेमाल होता है, वे अन्य सामगि्रयाें से निर्मित थैलों का उपयोग करें और इस प्रकार के थैले उचित मूल्य पर दूकानों में भी उपलब्ध हो सके । इस सबके लिए सभी स्तरों पर और सभी तबकों की सहभागिता आवश्यक होगी।
इस पृष्ठभूमि में जहां एक ओर नियमों का पालन सुनिशिचत करने, तथा उनका प्रभावी इनफोर्समेंट करना होगा, वहीं वृहत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाना होगा, जिसमें जन-प्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, प्रबुद्धजनों एवं मीडिया आदि की अहम भूमिका होगी । इस प्रकार का जागरूकता अभियान पोस्टर्स, समाचार पत्रों, इलेक्ट्रानिक मीडिया, सेमिनारकार्यशालों, नुक्कड़ नाटका,ें आदि के माध्यम से चलाया जा सकता है। ऐसा करते समय इस बात की भी जानकारी दी जानी चाहिए कि वास्तव में 50 मार्इक्रोंस तक का प्लासिटक क्या हैघ्
उन्होंने बताया कि 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है, और उस दिन प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के तत्वावधान में सेमिनार एवं अन्य कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा। बैठक में विचार-विमर्श कर यह निर्णय लिया गया कि विश्व पर्यावरण दिवस के पूर्व संध्या को रांची नगर में जगह-जगह कूड़े की तरह पड़े हुए प्लासिटक को हटाए जाने के उददेश्य से एक वृहत अभियानकार्यक्रम चलाया जाए, जिसमें नगर निगम के पार्षदों, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं चेम्बर आफ कामर्स के सदस्यों तथा अन्य आम जनों को पूरी तरह से समिमलित किया जाए । इस प्रकार के अभियानकार्यक्रम आयोजित किए जाने के लिए सभी अन्य जनपदों को भी कहा जाए। इस अभियान की रूपरेखा तैयार करने के लिए प्रधान सचिव, नगर विकास विभाग की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का भी निर्णय लिया गया ।
जागरूकता बढ़ाने के संदर्भ में माननीय राज्यपाल के सलाहकार श्री के0 विजय कुमार ने स्कूलों और बच्चों को इससे जोड़ने पर विशेष बल देते हुए कहा कि बच्चाें की अपील अधिक प्रभावी होगी । निर्णय लिया गया कि प्लासिटक प्रदूषण रोकने के अभियान में स्कूलों की भागीदारी प्रभावी तरीके से सुनिशिचत करने के लिए विभाग द्वारा पूरी कार्य योजना बनाकर कार्यानिवत की जाएगी ।
बैठक में श्री डी0 के0 तिवारी, प्रधान सचिव, मानव संसाधन विभाग, श्री अरूण कुमार सिंह, प्रधान सचिव, नगर विकास विभाग, श्रीमती अलका तिवारी, प्रधान सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग, श्री मणिशंकर, अध्यक्ष, झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, श्रीमती वंदना डाडेल, प्रमंडलीय आयुक्त, द0 छोटानागपुर प्रमंडल,रांची, श्री विनय कुमार चौबे, उपायुक्त, रांची, श्री दीपांकर पण्डा, मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी, श्री संजय कुमार सिन्हा, सचिव, झारखंड प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, श्री बृजेश बहादुर सिंह (पूर्व न्यायाधीश), श्री आर0 के0 टेकरीवाल, अध्यक्ष, झारखंड चेम्बर आफ कामर्स, श्री प्रदीप जैन, महासचिव, झारखंड चेम्बर आफ कामर्स एवं श्री किशन अग्रवाल, पर्यावरण प्रभारी, झारखंड चेम्बर आफ कामर्स भी उपसिथत थे ।