June Press Release

U.S. EDUCATORS VISIT KOLKATA
रांची, दिनांक 30.07.2012

A group of 10 school educators from the United States is currently visiting Kolkata as part of a month-long program to learn about Indian life, society, the education systems and resources available there.

The participants, drawn from various educational institutions across the U.S., who reached Kolkata on July 8,are slated to be there till August 10.They were working under the aegis of “The India Summer Teacher Program.” The program will be hosted and administered by the United States-India Educational Foundation (USIEF).

The India Summer Teacher Program is a short-term exchange opportunity for U.S. high school teachers of English, Mathematics and Science to collaborate and teach with an Indian counterpart. The program is fully funded by the Bureau of Educational Affairs (ECA), U.S. Department of State and administered by American Councils and the United States-India Educational Foundation (USIEF).

Grantees are assigned to schools where the medium of instruction is English. They pair with an Indian counterpart to create and implement curriculum projects and team-teach in their subject area. The program provides a professional development opportunity for U.S. and Indian educators to work together on issues of mutual interest to their communities, schools and students.

The host institutions in Kolkata include Loreto Day (Sealdah), St. James School, St. Johns Diocesean School, Ballygunge Shiksha Sadan,
Shri Shikshayatan and A.K. Ghosh Memorial School.

USIEF organizes programs for groups of U.S. teachers as part of its mission to promote mutual understanding between the citizens of the U.S. and India through educational exchange. The purpose of each program is to give the U.S. educators an exposure to different aspects of Indian society including cultural heritage, religion and economic development.

रांची, दिनांक-29.07.2012
आने वाले समय में बढ़ती आबादी के लिये खाध सुरक्षा जरूरी है
आने वाले समय में बढ़ती आबादी के लिये खाध सुरक्षा जरूरी है।इस की महत्ता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री श्री अजर्ुन मुण्डा ने कहा कि झारखण्ड प्रदेश की विशिष्ट भौगोलिक बनावट, खनन, खास कर कोल-माइनिंग से उत्पन्न होर हे पर्यावरणीय प्रभाव का असर भी सूबे की कृषि पर पड़ना स्वाभाविक है।निरंतर होर हे जलवायु परिवर्तन से भी कृषि-आजी विका पर लगातार असरपड़ रहा है।अत एव अगले न्यूनतम दस वर्षों के कृषि उत्पादन की रण नीति हेतु कृषि विशेषज्ञों वैज्ञानिकों, पर्यावरण विदों की टीम बनाकर अध्ययन किया जाना चाहिए।मुख्यमंत्री ने आज कृषि विषयक बैठक में संबंधितों को निदेशित किया कि बीते दस वर्षों के कृषि उत्पादन के आंकड़ों के प्रोजेक्शन के साथ इस आर्थिक-वैज्ञानिक अध्ययन की शुरूआत करें एवं इस कार्य में कृषि क्षेत्र के अकादमिक विशेषज्ञों की हर संभव मदद लें।

राँची, 28 जुलार्इ, 2012

मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने शहरी विकास के अवयवों को रेखांकित करते हुए
मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने शहरी विकास के अवयवों को रेखांकित करते हुए कहा कि शहरी आबादी में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को ध्यान में रखते हुए भविष्य की योजनाएँ तय की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आगे भी ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर लोगोें के स्थानांतरण का प्रवाह बढ़ेगा। अतएव झारखण्ड की नर्इ राजधानी क्षेत्र के लिए नगरीय सुविधा विकसित करने में समेकित दृषिटकोण अपनाएँ। झारखण्ड की नर्इ राजधानी के निर्माण के लिए उसकी योजना एवं प्रारूप पर मुख्यमंत्री श्री अजर्ुन मुण्डा ने आज अपने आवास पर बैठक की। बैठक में पावर प्वार्र्इंट पे्रजेंटेशन के जरिए उन्होंने विस्तृत जानकारी ली।

उन्होंने कहा कि नर्इ राजधानी में कैपिटल कम्प्लेक्स, आवासीय निर्माण, विधालय एवं संस्थागत विकास, सांस्Ñतिक आयोजन, इंस्टीच्यूषनल एरिया इत्यादि के लिए प्रयाप्त व्यवस्था होनी चाहिए। पानी, बिजली, ड्रेनेज इत्यादि के लिए भी किए जाने वाले व्यवस्था पर उन्होंने कहा कि इसके लिए अलग से व्यवस्था होनी चाहिए ताकि मरम्मति हेतु मुख्य सड़क की संरचना को कभी भी बदलने की आवश्यकता न पड़े। सड़कों का निर्माण भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए किया जाए।
मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित मास्टर प्लान का अध्ययन करते हुए कहा कि राज भवन हेतु प्रस्ताव अवश्य होने चाहिए साथ ही उसका निर्माण ऐसी जगह किया जाना उपयुक्त होगा जहाँ पर विधान सभा निकट हो। उन्होंने सूचना तकनीक के विकास के लिए 200 एकड़ की योजना पर भी बल दिया। उन्होंने पर्यावरण सुरक्षा हेतु ग्रीन लैंड पर भी बल देते हुए कहा कि भविष्य में भी यह ग्रीन लैंड ही रहे ऐसी व्यवस्था सुनिशिचत हो। फेज-2 एवं फेज-3 की योजना को स्पष्ट करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना, बेसिक टाउनशिप के साथ ही औधोगिक विकास का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने राँची शहरी क्षेत्र के लिए भी मास्टर प्लान बनाने का निदेश दिया ताकि भविष्य में किसी भी क्षेत्र में जनसंख्या का मषरूम ग्रोथ न हो। उन्होंने आधारभूत संरचना के विकास हेतु विस्तृत प्रतिवेदन देने को कहा साथ ही इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने का निदेष दिया। बैठक में योजना सचिव श्री अविनाष कुमार तथा परियोजना कंसल्टेंट के प्रतिनिधि भी उपसिथत थे।

राँची, दिनांक-26, जुलार्इ-2012

सूचना तकनीक को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाना है

सूचना तकनीक को ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचाना है। आज सूचना तकनीक के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। सूचना तकनीक के विकास के लिए प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए सबसे पहले जनमानस तैयार करना होगा। सूचना तकनीक के विकास के साथ ही राज्य का समेकित विकास सम्भव है। हिन्दी भाषा-भाषी क्षेत्र के पिछड़ेपन का एक बहुत बड़ा कारण अंग्रेजी भाषा की जानकारी का अभाव है। परन्तु इसका विकास अचानक नही हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूली बच्चों के उपर अंग्रेजी का अचानक दबाव उनके उपर एक बोझ डालने जैसा होगा। इसके लिए पूर्व से वातावरण निर्माण आवश्यक है जिसका प्रयास किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री अजर्ुन मुण्डा ने उपरोक्त बातें आज यू0आर्इ0डी0ए0आर्इ0 के महानिदेशक, श्री आर0एस0 शर्मा से अनौपचारिक वार्ता के क्रम में कहा। श्री शर्मा मुख्यमंत्री से मिलने उनके आवास पर आए थे। श्री शर्मा ने मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य की जानकारी ली तथा उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु शुभकामना दी। इस अवसर पर यू0आर्इ0डी0ए0आर्इ0 के महानिदेशक, श्री आर0एस0शर्मा ने कहा कि झारखण्ड में यू0आर्इ0डी0ए0आर्इ0 के काम में काफी प्रगति हुर्इ है। बिहार, बंगाल तथा झारखण्ड में एक साथ यह काम आरम्भ हुआ था परन्तु झारखण्ड इनमें सबसे आगे है। यहाँ लगभग एक करोड़ लोगों को इन्रोलमेंट हो चुका है। उन्होंने कहा कि यू0आर्इ0डी0ए0आर्इ0 के प्रति मुख्यमंत्री के सकारात्मक एवं स्पष्ट दृषिटकोण का यह प्रतिफल है। राज्य में मुख्य सचिव तथा विकास आयुक्त भी इस दिषा में काफी रूचि ले रहे हैं।

उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि राज्य के विकास के लिए आधार आधारित सरकार की विभिन्न योजना को लागू किया जाए जिससे राज्य के गरीब तबके के सभी लोगों को लाभ की राशि आसानी से मिलने लगेगी। पाँच जिलों में आरमिभक तौर पर जाँच कार्य प्रारम्भ किए गए हैं जिसके सकारात्मक परिणाम आए हैं। मनरेगा, छात्रवृति, कल्याण विभाग की अन्य योजनाओं के तहत राषि का भुगतान आधार के आधार पर उनके गाँवों में उनके खाता में सीधे उपलब्ध हो रहा है। यह पूरे राज्य में लागू करने पर गरीबों को सीधे लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री मुण्डा ने आश्वासन दिया कि इसे पूरे राज्य में क्रमबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।

Hillary Clinton greets swearing-in of President Pranab Mukherjee

The US Secretary of State Hillary Clinton said:”I want to congratulate  President Mukherjee on his swearing-in as the 13th President of India.  President Mukherjee has been a strong partner to America and the American people, working throughout his career to deepen our cooperation on a wide range of issues.  I look forward to continuing to work with the government and people of India.  Together we will build on our shared democratic values, strengthen this relationship even more and create a brighter future for both our people.”

राँची, दिनांक 25, जुलार्इ, 2012-

देष की हिन्दी क्षेत्रों में अन्य प्रदेषों की अपेक्षा संभावनाएँ अधिक है

देष की हिन्दी क्षेत्रों में अन्य प्रदेषों की अपेक्षा संभावनाएँ अधिक है परन्तु गैर-हिन्दी भाषी प्रदेषों में स्वाभाविक तौर पर अंग्रेजी का इस्तेमाल संपर्क भाषा के रूप में करते हुए आर्इ0टी0 क्षेत्र का अधिक विस्तार हुआ। देष की हिन्दी पêी के कर्इ मायनों में पिछड़ने का यह महत्वपूर्ण कारण रहा है। सर्वाधिक आबादी वाले इस लोकतंत्र में कम्यूनिकेषन सिस्टम का पुख्ता होना सबसे जरूरी है ताकि सेवा प्रदाय की प्रणाली मजबूत हो, कार्यों के गति मिले साथ ही कामों में पारदर्षिता रहे। संचार की कमी से गलत धारणाएँ जन्म लेती हैं। जिस प्रकार से विकसित और विकासषील देषों की प्राथमिकताएँ अलग है, ठीक उसी तरह से देष के राज्यों का ग्रोथ पैटर्न भी अलग-अलग रहा है। सूचना प्रौधोगिकी इस का बहुत बड़ा कारक रहा है। समाज की धारणाएँ बदलनी चाहिए। इसके लिए बड़ा फेमवर्क, रोडमैप बना कर के प्रदेष का विकास करना है। इससे राष्ट्र विकसित होगा। आर्इ0टी0 को ग्रामीण क्षेत्रों तक ले जाना होता ताकि सर्विस प्रोवार्इड करने में सहजता हो। मुख्यमंत्री आज स्थानीय होटल रेडिषन ब्लू में एडवान्टेज झारखण्ड:इन्फोकाम-2012 का उदघाटन कर रहे थे। इस मौके पर झारखण्ड सरकार एवं सूचना प्रौधोगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के बीच एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित किया गया। राज्य के मुख्य सचिव श्री एस0के0चौधरी एवं सूचना प्रौधोगिकी मंत्रालय के श्री ओंकार राय ने धनबाद के साफ्टवेयर टेक्नालाजी पार्क के लिए दस्तखत किए। मुख्यमंत्री श्री अजर्ुन मुण्डा ने इस मौके पर ” इन्फोकाम त्रैमासिक पत्रिका का विमोचन भी किया।

उन्होंने कहा कि परिवर्तन के दौर में झंझावात तो आते हैं, परन्तु उसे बाधा नही अपितु चुनौति मानकर उससे निकलना है। निर्माण के पूर्व विघ्वंस तो होता ही है। तभी विकास भी होता है। मूर्ति तभी बनती है जब पत्थर को छेनी हथौड़ी से जोड़ा जाता है। प्रतिक्रिया प्राÑतिक स्वभाविक गुण है। हर व्यकित अपनी धारणा से जुड़ा हुआ सभी जगह वही देखना चाहता है जो वह देखता रहा है। विकास हेतु आवष्यक है धारणाओं को बदलने की। समय के साथ बदलाव और बदलाव के साथ विकास निषिचत है। परन्तु यदि इसे सूचना तकनीक के साथ जोड़ दिया जाय तो विकास की गति तेज होगी। बदलाव यूँ भी होगा परन्तु तब विकास में समय अधिक लगेगा। आवष्यकता हैं हमें अपनी पुरानी धारणाओं को बदलने की उन धारणाओं से निकलने के लिए सूचना तकनीक सुगम रास्ता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनौतियाँ हर जगह है। सूचना तकनीक के क्षेत्र में भी है। गुणवता सहित क्षमता का विकास हो इसे ध्यान रखना है। संचार प्रणाली के लिए सूचना तकनीक की आवष्यकता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि सूचना तकनीक के बिना गुड गर्वनेंस सम्भव नहीं है। डिलिवरी मैकैनिज्म में इसका सदुपयोग किया जा सकता है। गड़बड़ी कहाँ पर हो रही है उसे सूचना तकनीक के माध्यम से आसानी से पकड़ा जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि समस्याएँ है, तो समाधान भी होगा। समस्या से भागना नहीं अपितु उसका समाधान ढूंढना है। अब टाउनषिप भी प्रोफिटेबल हैं। एक अध्ययन के मुताबिक 12 वर्षों के पश्चात शहरी अधिसंरचना में लगी पूँजी फायदा देने लगी है। इस लिए 800 एकड़ क्षेत्र में प्रस्तावित झारखण्ड की नर्इ राजधानी के कोर कैपिटल एरिया में इस्टीटूषनल एरिया एवं आर्इ0टी0 सेक्टर के लिए 200 एकड़ भूमि चिनिहत की गर्इ है।

इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री एस0के0 चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा0 डी0के0तिवारी, प्रधान सचिव, सूचना प्रौधोगिकि श्री एन0एन0सिन्हा ने भी समारोह को सम्बोधित किया। स्वागत सम्बोधित इन्फोकाम के चेयरमैन डी0डी0 पुरकायस्थ ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन श्री शांतनुदत्त ने किया। इस अवसर पर सचिव, श्री विमलकीर्ति सिंह, प्रधान सचिव गृह, श्री जे0बी0तुबिद, श्री ए0के0 सरकार, श्रमायुक्त श्री सुनिल बर्गवाल, मृदुला सिन्हा, पुलिस महानिदेषक श्री जी0एस0 रथ, पुलिस महानिरीक्षक, श्री एस0एन0 प्रधान, निदेषक, आर्इ0आर्इ0एम, श्री फ्रांसिस जेवियर सहित बड़ी संख्या में आर्इ0टी0 विषेषज्ञ, कारपोरेटस एवं गणमान्य व्यकित उपसिथत थे।

रांची, दिनांक-24.07.2012

मुख्यमंत्री श्री अर्जुन  मुण्डा ने प्रशासन की पारदर्शिता एवं जवाब देही….

मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने प्रशासन की पारदर्शिता एवं जवाब देही को रेखांकित करतेहुए कहा कि आम जनता की विश्वसनीयता पर खरा उतरना ही सबसे बड़ी कसौटी है।उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा में नवप्रोन्नत राज्य के प्रशासनिक पदाधिकारियों से कहा कि इस राज्य को बचाने एवं विकास के पथ पर इस राज्य को आगे ले जाने के लिये बेहतर सेवा की मिसाल कायम करें। आज राज्य के आर्इ0ए0एस0 में प्रोन्नत सभी दस प्रशासनिक पदाधिकारी मुख्यमंत्री से सौजन्य भेंट के लिये सायं मुख्यमंत्री आवास आये थे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने कहा कि समय के साथ-साथ समय की जरूरतें बदली हैं। ओपेन सोसायटी में गोपनीयता की जगह नहीं बची है। लोगों की मांगों की प्रवृतित में भी बदलाव आया है। अतएव समाज को नेतृत्व देने वालों को टीम वर्क के साथ-साथ समाज की संवेदना के साथ विकास के लियेप्रतिबद्ध होना चाहिए।प्रशासन समाज का सर्विसप्रोवार्इडर है। इसलिए सार्थकता के सहमत हो के अग्रगामी सोच के साथ कार्य करना ही विश्वसनीयता कायम करेगा।उन्होंने कहा कि हमारी परम्परा में अपने अनुभव, अपने ज्ञान से समृद्ध करने की व्यवस्था रहीहै। इस परम्परा से अलग होकर एकांगी सोच के साथ क्षुद्रस्वार्थों की प्रवृतित बढ़ी है। इससे ऊपर उठकर समाज को बेहतर सेवा का प्रतिदान देने का आहवान करते हुए उन्होंने कहा कि जहां भी पदस्थापन हो पूरे मनोयोग से कार्य करें ताकि आगामी पीढि़याँ आपका अनुसरण कर सकें।
मिलने वाले नवप्रोन्नतप दाधिकारियो ंमें सर्व श्री जगमोहन, सुधांशु भूषण राम, वीणा श्रीवास्तव, हंसराज सिंह, जान पास्कल लकड़ा, फिदलिस टोप्पो, सैमसन सोय, परमजीत कौर, शैलेन्द्र भूषण एवं बालेश्वर सिंह शामिल थे।

————-

महामहिम राज्यपाल एवं झारखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद के अध्यक्ष डा0 सैयद अहमद ने कहा

महामहिम राज्यपाल एवं झारखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद के अध्यक्ष डा0 सैयद अहमद ने कहा है कि झारखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद अपने कार्यों की एक निषिचत रूप-रेखा तय कर उसे पूर्ण सक्रियता के साथ क्रियानिवत करें। उन्होंने कहा कि बचपन में ही व्यकित की दिषायें तय होती है। अत: परिषद के सदस्यगण बच्चों के सर्वांगीण विकास हेतु पूरी तरह प्रतिबद्ध रहें। महामहिम राज्यपाल आज राजभवन में झारखण्ड राज्य बाल कल्याण परिषद के कार्यों व गतिविधियों में तीव्रता लाने हेतु एक समीक्षा बैठक कर रहे थे। बैठक में महामहिम राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री आदित्य स्वरूप, मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री बी0के0 त्रिपाठी, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव श्री के0 विधासागर, समाज कल्याण विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती मृदुला सिन्हा, राँची के उपायुक्त श्री विनय कुमार चौबे, अपर विŸा आयुक्त श्री निरंजन कुमार, परिषद की उपाध्यक्षा श्रीमती रूपलेखा प्रसाद सहित परिषद के कार्यकारिणी के सदस्यगण उपसिथत थे।

महामहिम राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि विषेष श्रेणी के बच्चों हेतु परिषद को और गंभीरता से कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि विषेष श्रेणी के बच्चों को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बानाने हेतु व्यापक रूप से प्रयास करने की जरूरत है। महामहिम ने विषेष श्रेणी के बच्चों के मध्य यथासंभव सार्इकल, चेयर आदि वितरित करने को कहा। विषेष श्रेणी के बच्चों को प्रोत्साहित करने हेतु समय-समय पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन हेतु भी परिषद के सदस्यों को सुझाव दिया।

इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल ने यह भी कहा कि बैठक में लिये गये निर्णय पर परिषद के सभी सदस्य अमल करे, साथ ही उन्होंने परिषद द्वारा अब तक किये गये कार्यों का प्रतिवेदन समर्पित करने को कहा। महामहिम ने क्रेष सेंटर को बेहतर तरीके से चलाने हेतु अधिकारियों व परिषद के सदस्यों से विचार-विमर्ष किया। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि परिषद क्रेष सेंटर के सुदृढि़करण हेतु समाज कल्याण विभाग से समन्वय स्थापित करें। इस अवसर पर प्रधान सचिव, समाज कल्याण विभाग से कहा गया कि वे अपने विभाग के एक-दो कर्मियों की सेवा राज्यपाल सचिवालय को दें, जो परिषद के कार्यों में सहयोग कर सकें। बैठक में निर्णय लिया गया कि आगामी सिंतबर माह के प्रथम सप्ताह में राजभवन के बिरसा मंडप में राज्यस्तरीय पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जाय। साथ ही, यह भी निर्णय लिया गया कि दिनांक 27 सितम्बर से राज्य स्तरीय साथ रहना सीखें षिविर का आयोजन किया जाय।

बैठक में महामहिम ने समय-समय पर स्वास्थ्य षिविर लगाने हेतु परिषद के सदस्यों को निदेष दिया। उन्होंने इस हेतु परिषद के सदस्यों को स्वास्थ्य विभाग से भी समन्यव स्थापित करने के लिए कहा। इस अवसर पर प्रधान सचिव, स्वास्थ्य ने कहा कि विभाग के पास इस हेतु योजनायें हैं, परिषद द्वारा समय पर षिविर के आयोजन की तिथि से अवगत करा देने पर विभाग की ओर से चिकित्सक, दवाएँ आदि सुलभ करा दी जायेगी। बैठक में इस पर भी चर्चा की गर्इ कि सी0एस0आर0 के तहत बहुत सी कंपनियाँ कार्य करती है, अत: परिषद कंपनियों से संपर्क स्थापित कर सहयोग लें। बैठक में परिषद द्वारा मेला आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया।

बैठक में महामहिम राज्यपाल ने कहा कि जिन बच्चों को उनके अभिभावक छोड़ जाते हैं अथवा नहीं है, उनके लिए एडोपषन सेंटर का गठन किया जाय, जो हर बच्चा हमारा है और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जाय हेतु कार्य करें। बच्चों के ट्रैफिकिंग व बाल मजदूरी पर भी रोक लगाने हेतु भी बैठक में चर्चा हुर्इ। महामहिम राज्यपाल ने इस हेतु जागरूकता लाने की आवष्यकता पर बल देने के साथ-साथ परिषद के सदस्यों से पलायन की वजह का भी पता लगाने के लिए कहा, ताकि इस पर अमल हो सकें।

इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री आदित्य स्वरूप ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा बच्चों के कल्याण हेतु चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों में परिषद की सहभागिता सुनिषिचत हो, इस हेतु परिषद के सदस्यों को विभिन्न विभागों द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की ओर ध्यान देने की आवष्यकता है। बैठक में यूनिसेफ की ओर से कहा गया कि परिषद अपने गतिविधियों को तेज करें, अपने कार्यों का प्रचार-प्रसार करें तथा उनका निरंतर अनुश्रवण करें। उन्होंने कहा कि यूनिसेफ द्वारा बच्चों के कल्याणार्थ किये जा रहे कार्यों में परिषद को हर संभव सहायता प्रदान की जायेगी।

(क्राानित कान्त)
ए0पी0आर0ओ0
——————————————————-

R C Sinha with Jharkhand CM

राँची, 23 जुलार्इ, 2012
श्री आर सी सिन्हा मुख्यमंत्री से मिलने मुख्यमंत्री आवास आये
मुख्यमंत्री श्री अर्जुन  मुण्डा ने राज्य के विकास सलाहकार श्री आर सी सिन्हा के साथ उनके द्वारा पूर्व में सुझाए गये विकास कार्यो की रूप रेखा, उनकी संरचनाएँ, कार्य प्रणाली इत्यादि के संबंध में गहन चर्चा की। आज सायं राज्य के विकास सलाहकार श्री आर सी सिन्हा मुख्यमंत्री से मिलने मुख्यमंत्री आवास आये थे। इस दौरान विभिन्न विभागों में पूर्व में समर्पित राज्य की प्राथमिकताओं के संबंध में चर्चा हुर्इ। खास तौर पर पथ निर्माण, नगर विकास, उधोग, बिजली, पानी, वन इत्यादि से संबंधित आर्थिक विकास के विभिन्न आयाम इस चर्चा के केन्द्र में रहे।

——————————————————-
श्री अर्जुन  मुण्डा से झारखण्ड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष की भेंट !R C Sinha and Jharkhand CM

आज पूर्वाहन मुख्यमंत्री श्री अर्जुन  मुण्डा से झारखण्ड राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मोŒ फहीमुíीन अहमद ने मुलाकात की। मुख्यमंत्री आवास पर हुर्इ इस सौजन्य भेंट के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण के कर्इ महत्वपर्ूण मसलों
पर चर्चा हुर्इ।
R C Sinha with Jharkhand CM——————————————————-राँची, 22 जुलार्इ, 2012बच्चों पर बोले महामहिम  !क्रानित कान्तjharkhand childमहामहिम राज्यपाल डा0 सैयद अहमद ने कहा है कि बच्चों के मन में कभी भी पराजय की भावना नहीं आनी चाहिये, उन्हें अपने मंजिल को हासिल करने हेतु प्रयासरत रहना चाहिये, कामयाबी निषिचतरूपेण उन्हें मिलेगी। उन्होंने कहा कि बच्चे दिल से मेहनत करें, वे जिस किसी भी विषय का चयन करें, उसमें उत्कृष्टता हासिल करे। महामहिम राज्यपाल उक्त विचार आज होटल रेडिषन ब्लू, राँची में दैनिक समाचारपत्र प्रभात खबर द्वारा आयोजित कार्यक्रम ”प्रतिभा सम्मान समारोह के अवसर पर व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर आरक्षी महानिदेषक श्री जी0एस0 रथ, महामहिम राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री आदित्य स्वरूप, आर्इ0आर्इ0एम0, राँची के निदेषक श्री एम0जे0 जेवियर, प्रभात खबर के प्रधान संपादक श्री हरिवंष सहित कर्इ गणमान्य व्यकित एवं बच्चे व अभिभावक उपसिथत थे।महामहिम राज्यपाल ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी सम्पदा उस देष के युवा होते हैं, जो देष का गौरव बनते हंै। देष का इतिहास, देष की परम्परा, देष की संस्कृति, देष की भाषा, देष की सच्चार्इ आदि सब कुछ उन्हीं पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि आज समाज में बहुत सी कुरीतियाँ हैं, जिनका निदान षिक्षा से ही संभव है। षिक्षित व्यकित ही सामाजिक असमानता को अच्छी तरह समझ सकते हैं और इसका निदान कर सकता है। षिक्षा ही है, जो मनुष्य के आत्मविष्वास को बढ़ाता है और उनके क्षमताओं में वृद्धि लाने का कार्य करता है।jharkhand
इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल ने कहा कि हमारे बहुत से बच्चों को परीक्षाओं से भय लगता है, उन्हें लगता है कि वे रणक्षेत्र व जंग के मैदान में जा रहे हैं, अत: उन्हें घबराना नहीं चहिये, इस जंग के मैदान को आसानी से वे परिश्रम व धैर्य के बदौलत जीत सकते हैं। एक बादषाह का उदाहरण देते हुए महामहिम राज्यपाल ने परीक्षाओं में असफल व बेहतर न करनेवाले बच्चों से कहा वे मायूसी का षिकार न हों, बलिक वे धैर्य रखें और मेहनत करें, सफलता यकीनन उन्हें प्राप्त होंगी। महामहिम ने सम्मान पानेवाले बच्चों से कहा कि यह परीक्षा आपकी जिंदगी की अनितम परीक्षा नहीं है, आगे आनेवाली जीवन के हर दिन, हर क्षण एक परीक्षा होती रहेगी। अत: आप र्इमानदारी से, समर्पण की भावना से आगे और मेहनत करें और अपने कार्यों से राष्ट्र की सेवा करें। उन्होंने सम्मान पानेवाले बच्चों के अभिभावकों एवं षिक्षकों को बधार्इ दी, जिन्होंने बच्चों के पीछे मेहनत की, उनका हौसला अफजायी और उन्हें निरंतर आगे बढ़ने की सीख दी। महामहिम राज्यपाल ने लड़के और लड़कियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा पर खुषी जताते हुए कहा कि बिना लड़कियों के विकास के देष का अपेक्षित विकास संभव नहीं है।महामहिम राज्यपाल ने इस अवसर पर समाचारपत्रोंमीडिया द्वारा बच्चों के मनोबल व आत्मविष्वास में वृद्धि लाने के उद्देष्य से इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि आज विभिन्न माध्यमों यथा- समाचारपत्र, इ0 चैनल आदि से ज्ञात होता है कि किसी बच्चे ने झाड़ू-पोछा कर मैटि्रकइंटर अच्छे अंकों के साथ उŸाीर्ण किया, उसमें आगे पढ़ने की ललक है। अत: इस ओर हम सभी को सामाजिक उŸारदायित्व की भावना का पालन करते हुए ध्यान देना चाहिए और एक अच्छे नागरिक का परिचय देना चाहिए।इस अवसर पर आरक्षी महानिदेषक श्री जी0एस0 रथ ने कहा कि सभी बच्चे एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित कर उसी दिषा में आगे बढ़ें, तो सफलता उन्हें अवष्य प्राप्त होंगी। उन्होंने कहा कि अभिभावक बच्चों को उसकी पसंद के अनुकूल विषय ही पढ़ायें। समारोह को संबोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री आदित्य स्वरूप ने कहा कि बच्चों के उपर ही देष का भविष्य निर्भर है। उन्होंने कहा कि षिक्षा सिर्फ परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने तक ही सीमित नहीं है, बलिक अपने अंदर छिपी हुर्इ नैसर्गिक प्रतिभा को निखारना भी है। इस अवसर पर प्रभात खबर के प्रधान संपादक श्री हरिवंष ने कार्यक्रम के उद्देष्यों पर प्रकाष डालते हुए कहा कि प्रभात खबर का सदैव प्रयास रहा है बच्चों के मनोबल में वृद्धि लाने हेतु उनके प्रतिभाओं को प्रोत्साहित किया जाय। उन्होंने कहा कि यदि हमें अपने देष की तकदीर को संवारना है तो बच्चों के विकास पर ध्यान देना होगा। अन्य अतिथियों ने भी समारोह को संबोधित किया। महामहिम राज्यपाल ने इस अवसर पर अच्छे प्रदर्षन करनेवाले विधालय के प्राचार्यों एवं बच्चों को सम्मानित किया।
फोटो संलग्न है।खेल से व्यतितत्व का विकास होता हैराँची, 22 जुलार्इ, 2012
खेल से व्यतितत्व का विकास होता है, तथा खेल सामाजिक समरसता व आपसी भार्इचारा को बढावा देता है साथ ही सकारात्मक उर्जा प्रदान करता है । उक्त बाते श्री पकंज कम्बोज, भा0पु0से0 एस0पी0 चार्इबासा ने अन्तर वाहिनी बैडमिंटन प्रतियोगिता परिचालनिक रेन्ज चार्इबासा के भव्य समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होनें विस्तार से बताया कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल,में हर कार्य को महत्व दिया जाता है चाहे वह खेल, मनोरंजन हो अथवा यु़़द्वकौषल। उसी का प्रतिफल है कि केरिपुबल के जवान हर क्षेत्र में अलग ही दिखार्इ देते है तथा देष को उन पर नाज है। ज्ञातव्य हो कि उक्त बेैडमिंटन प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले में सिंगल्स फाइनल 94 वाहिनी एंव 07 वाहिनी के बीच खेला गया जिसमें 94 वाहिनी के सउनिफार्मा ए0बी0के0 सिहं ने 07 वाहिनी के सि0जीडी बप्पा बसक को 22,20 व 21,11 से मात दी , तथा प्रतियोगिता के डबल्स फाइनल में 94 वाहिनी के सउनिफार्मा ए0बी0के0 सिहं और सि0 पी. मस्तोवा की जोडी ने 60 वाहिनी के सि0जीडी ए0जे सैकिया तथा सि0जीडी रिशि महतो की जोडी को 21,10 व 21,08 से हराकर प्रतियोगिता में अपना दबदबा बनाया। टीम इवेन्टस में 94 बटालियन विजेता रही तथा 07 वाहिनी को उपविजेता घोशित किया गया ।कार्यक्रम के समापन उदधोशणा में मेजबान 197 वाहिनी के कमाण्डेन्ट श्री नदीम अहमद समदानी द्वारा 94 वाहिनी के प्रतियोगियों को उनके ओवरआल चैमिपयन होने पर बधाइ्र्र देते हुए ये कहे कि खेल कराने का उद्वेश्य आपसी प्रेम बढाना हेै तथा हमारा प्रयास होता है कि हम स्वस्थ रहकर अपने कार्यो को निरपेक्ष तरीके से अन्जाम दे। अपने भाशण में उन्होने विस्तार से बताया कि केरिपुबल देष में जहा भी तैनात है वहा उसका उद्वेश्य विधि द्वारा स्थापित लोकत्रांतिक जनसत्ता में षानित-व्यवस्था बनाने में स्थानीय प्रषासन की मदद करना है। उन्होने लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पत्रकार भाइयों के बारे में कहा कि वैष्वीकरण के दौर में आप सभी का दायित्व महत्वपूर्ण है क्योकि आप लोग समाज के अच्छाइयो एंव बुरार्इयो को सच्चाइ्र्र के तराजू पर परखकर परिदर्षित करते हैै। उन्होनें प्रतियोगिता के सफल आयोजन हेतु सिंहभूम बैडमिंटन एसोसिएसन के सेके्रटरी श्री अषोक जोषी व उनकी पूरी टीम के प्रति कृतज्ञता प्रकट की तथा सभी उपसिथत गणमान्यो, स्थानीय जनता को आभार प्रकट करते हुए यह कहे कि आप सभी भविश्य में हमें इसी प्रकार अपना पे्रम देते रहेगें ऐसा हमे विष्वास है। इस अवसर पर केरिपुबल के अधिकारीगण जवान व भारी संख्या में स्थानीय जनता उपसिथत थी। कार्यक्रम का संचालन श्री मुन्ना सिंह, उप0कमा0 के कुषल निर्देषन में किया गया।राँची, 21 जुलार्इ, 2012मुख्यमंत्री श्री अर्जुन  मुण्डा ने कहा कि वस्त्र उधोग भारतीय अर्थव्यवस्था की आधारषिला है, देष के व्यापारिक निर्यात में इसकी हिस्सेदारी लगभग 13.5 प्रतिषत की है। नर्इ तकनीकों और क्षमता विकास के द्वारा कपड़ा उधोग में विकास के नए सोपान तय किए हैं। झारखण्ड तसर उत्पादन में देष का अग्रणी राज्य है। एक अनुमान के मुताबिक 12वीं पंचवर्षीय योजना में इस क्षेत्र में अधिकाधिक रोजगार के अवसर सृजित होंगे। अतएव तसर क्षेत्र में मानव संसाधन विकास के लिए नयासराय (राँची), सरैयाहाट (दुमका), लातेहार एवं जमषेदपुर के बुनकर प्रषिक्षण सह उत्पादन केन्द्र एवं टोटो (गुमला) एवं मधुपुर (देवघर) के बुनकर प्रषिक्षण केन्द्र को हथकरघा विकास की योजना के अन्तर्गत प्रषिक्षुओं की छात्रवृति हेतु प्रत्येक केन्द्र 1 लाख 44 हजार रू0 की राषि उपलब्ध करा दी गर्इ है। इसके अलावे इन केन्द्रों के प्रषिक्षणार्थियों एवं राज्य कोटा से आर्इ0आर्इ0एच0टी0, बारगढ़, उड़ीसा में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए छात्रवृति हेतु चालू वित्तीय वर्ष में 9 लाख 50 हजार रू0 उपलब्ध कराए गए हैं। रेषम Ñष

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *