झारखण्ड के प्यारे भाइयों, बहनों एवं बच्चों
जोहार !
६६वें स्वतंत्रता दिवस के इस ऐतिहासिक अवसर पर मैं आप सभी का हार्दिक अभिनन्दन करता हूँ, दिली मुबारकबाद देता हूँ। राष्ट्रीय पर्व की इस सुखद बेला में मैं नमन करता हूँ राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को, देद्गा के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को, डा० राजेन्द्र प्रसाद को, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, बाबा साहब डा० भीम राव अम्बेदकर, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, शहीदे आज म भगत सिंह और अन्य महान विभूतियों को, जिनके बलिदान और ओजपूर्ण नेतृत्व ने हमें गुलामी की जंजीरों से मुक्त कर स्वतंत्र कराया।
इस पावन मौके पर मैं झारखण्ड के अमर शहीद बिरसा मुण्डा, सिद्धो, कान्हू, चाँद, भैरव, नीलाम्बर, पीताम्बर, शेख भिखारी, टिकैत उमरॉव सिंह, ठाकुर विद्गवनाथ शाहदेव, पाण्डेय गणपत राय जैसे उन सभी वीर सपूतों के प्रति श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूँ, जिनके त्याग और बलिदान के कारण ही हमारा देद्गा अंग्रेजी दासता से मुक्त हुआ तथा आज हम एक आज़ाद मुल्क के नागरिक कहलाते हैं।
आज के इस अहम दिन पर हम परमवीर चक्र विजेता लांसनायक अल्बर्ट एक्का, कारगिल जंग के अमर शहीद नागेद्गवर महतो समेत उन सभी वीर सैन्य-कर्मियों को सलाम करते हैं, जिन्होंने अपने वतन व मुल्क की आज ादी को बरकरार रखने के लिए अपनी जान की परवाह नहीं की और देद्गा की संप्रभुता, अखंडता और एकता की रक्षा के लिए अपना तन-मन सब न्यौछावर कर दिया।
दोस्तों, आज का दिन हम सबके लिए आत्ममंथन का दिन है कि हमारे पूर्वजों ने देद्गा एवं समाज के विकास के लिए जिन भावनाओं से प्रेरित होकर आज ादी की लड ाई में अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया और जिसकी प्राप्ति के लिए दुनिया के सबसे बड े व आदर्द्गा संविधान का निर्माण किया, उस दिद्गाा में हम कहाँ तक कामयाब हो सके हैं।
प्रिय राज्यवासियों, पिछले ६५ वर्षों में हमारे देद्गा ने सभी क्षेत्रों में तरक्की की है एवं अपनी चमक पूरी दुनिया में बिखेरी है, जिस पर हमें गर्व है। खाद्य उत्पादन का क्षेत्र हो या वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रगति का, मानव संसाधन के समुचित विकास का क्षेत्र हो या स्वास्थ्य सेवा का, औद्योगीकरण का क्षेत्र हो या मज बूत एवं बेहतर रक्षा शक्ति का, हमने खुद को दुनिया के सामने मज बूती के साथ पेद्गा किया है। मुल्क की चौतरफा तरक्की में झारखण्ड भी अपनी भूमिका निभा रहा है। राज्य बनने के बाद थोड े वक्त में ही द्गिाक्षा, स्वास्थ्य समेत सभी क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के विकास में सूबे ने अपनी मौजूदगी दर्ज की है।
मेरे प्यारे झारखण्डवासियों, किसी भी राज्य व राष्ट्र के समग्र विकास हेतु आवद्गयक है कि वहाँ के लोग द्गिाक्षित हों। इसकी अनिवार्यता को देखते हुए ही द्गिाक्षा का अधिकार कानून पूरे देद्गा में लागू किया गया है। राज्य के सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण द्गिाक्षा सुलभ कराने हेतु मध्याह्न भोजन योजना,
निःद्गाुल्क पाठ्य पुस्तक एवं पोद्गााक वितरण योजनायें चलाई जा रही है। इस वर्ष से मुखयमंत्री एकीकृत बाल छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत हरेक प्राथमिक सरकारी विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों में से तीन लड कों एवं तीन लड कियों को वज ीफा देने का फैसला लिया गया है। सबों को द्गिाक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान प्रारंभ किया गया है।
भाइयों एवं बहनों, जैसा कि आप सब जानते होंगे कि हमने अपने राज्य की उच्च द्गिाक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार हेतु कई कदम उठाये हैं। कुलाधिपति होने के नाते मैं समय-समय पर राजभवन, राँची में विद्गवविद्यालयों के कुलपतियों समेत अन्य पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करता हूँ एवं बदलते परिवेद्गा में उच्च द्गिाक्षा की गुणवत्ता पर परिचर्चा करता हूँ। इस क्रम में जब मुझे यह ज्ञात हुआ कि लोगों को द्गिाक्षित एवं ज्ञानवान बनाने की जिम्मेदारी जिनके हाथों में है, उनके हक से संबंधित भारी तादाद में मामले न्यायालय में लंबित है, तो मुझे काफी हैरानी व दुःख हुआ। उन द्गिाक्षकों व कर्मियों को जल्द ही उनका यथोचित लाभ मिले, इस हेतु मैंने झारखण्ड उच्च न्यायालय के मुखय न्यायाधीद्गा एवं झालसा के अध्यक्ष से लोक अदालत के आयोजन हेतु कहा। जैसा कि आप सभी को मालूम होगा, इसके आयोजन से बहुत से लोगों को फायदा हुआ। कॉलेजों में द्गिाक्षक-छात्र अनुपात बेहतर हों, इस हेतु राज्य के विद्गवविद्यालयों के द्गिाक्षकों के लिए स्थानांतरण एवं पदस्थापन नीति बनाने हेतु एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है, इससे ग्रामीण क्षेत्रों में द्गिाक्षकों की समस्या भी दूर हो सकेगी। राज्य के विभिन्न्न विद्गवविद्यालयों में कार्यरत तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मियों का वेतन निर्धारण शीघ्र हो, इस हेतु भी एक समिति का गठन किया गया, जिसका प्रतिवेदन राज्य सरकार को भेजा जा चुका है। विद्यार्थियों को उच्च द्गिाक्षा के क्षेत्र में प्रोत्साहित करने हेतु हमने अपने विवेकानुदान मद से राज्य में स्नातक कला, वाणिज्य एवं विज्ञान संकाय में सबसे अधिक अंक हासिल करनेवाले छात्रों को ५०-५० हजार की राद्गिा से पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है। अनुसूचित जनजाति श्रेणी के स्नातक छात्रों को, जिन्होंने अपने
संकाय में बेहतर किया है, उन्हें भी अपने विवेकानुदान मद से ५०-५० हजार की राद्गिा से, विद्गोष रूप से अलग से पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है। राज्यवासियों, कुलाधिपति के रूप में हमारी कोद्गिाद्गा है कि विद्गवविद्यालयों में समयबद्ध कार्य हो, समय पर परीक्षायें संचालित हो एवं समय पर रिजल्ट का प्रकाद्गान हो तथा शोध के स्तर में सुधार हो। राज्य में उच्च द्गिाक्षा के विस्तार के लिए राज्य के पिछड़े क्षेत्र लातेहार, चतरा एवं खरसावाँ में एक-एक मॉडल कॉलेज की स्थापना शीघ्र ही की जा रही है। मुझे आद्गाा है कि इन नये कॉलेजों की स्थापना से यकीनन राज्य के इन क्षेत्रों में उच्च द्गिाक्षा की नयी किरण व अलख जलेगी। विद्यार्थियों को खेल के क्षेत्र में हौसलाअफजाही करने हेतु वर्षों से बंद चांसलर ट्रॉफी शुरू की गई। साहित्यकारों को भी प्रोत्साहित करने हेतु हमने अपने विवेकानुदान मद से इस वर्ष दो हिन्दी और दो उर्दू साहित्यकारों को ५०-५० हजार रू० से पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है।
लोगों को अधिक-से-अधिक तकनीकी द्गिाक्षा मिल सके, इस हेतु राज्य में विद्गोष रूप से कार्य किये जा रहे हैं। तकनीकी ज्ञान से संपन्न एवं कुद्गाल मानव संसाधन के आधार पर ही राज्य का आर्थिक विकास निर्भर करता है। इन कार्यों के लिए राजकीय पॉलिटेकनिक सहित आई०टी०आई० कायम किये जा रहे हैं। ब्वउउनदपजल क्मअमसवचउमदज च्तवहतंउउम ज्ीतवनही च्वसलजमबीदपबे चलाये जा रहे हैं, जिसके तहत विद्यालय से बीच में पढ ाई छोड देने वाले विद्यार्थियों एवं गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले युवक/युवतियों को निःद्गाुल्क तकनीकी द्गिाक्षा प्रदान की जा रही है।
राज्यवासियों, कुदरत ने हमारे सूबे को खूब नेमतें बख शी है। इस राज्य में देद्गा की चालीस फीसदी से अधिक खनिज संपदा मौजूद है, तरक्की के लिए बस आवद्गयकता है कि हम सब मिल-जुलकर योजनाबद्ध तरीके से विकास की राह पर तेजी से आगे बढं े, ऐसा करने से ही हमारे एवं हमारे राज्य का सर्वांगीण विकास का सपना पूरा होगा। यह सर्वविदित है कि किसी भी राष्ट्र अथवा राज्य की उन्नति में वहाँ कायम उद्योगों की अहम भूमिका होती है, चाहे वह बड़े उद्योग-धंधे हों या कुटीर उद्योग अथवा लघु उद्योग। भूमंडलीकरण के इस युग में इसकी भूमिका और भी महत्त्वपूर्ण गयी है। स्वाधीनता प्राप्ति के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल में देद्गा में कई बड े उद्योग-धंधे कायम हुए क्योंकि पंडित नेहरू जानते थे कि बिना औद्योगीकरण किये देद्गा का अपेक्षित विकास संभव नहीं है। उद्योग-धंधे रोजगार के नये द्वार भी खोलते हैं एवं उद्योगों की स्थापना से रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे, जिससे विस्थापन व पलायन की समस्या का भी बहुत हद तक समाधान किया जा सकता है। राज्य में औद्योगिक नीति-२०१२ लागू कर दी गई है, जिससे लगभग २० लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे। रोजगार की तलाद्गा में पलायन कर रही राज्य की ग्रामीण आबादी हेतु सरकार द्वारा कई स्वरोजगार के कार्यक्रम व योजनायें चलाई जा रही हैं। साथ ही, बुनकर पुनर्वास पैकेज स्कीम का शुभारंभ कर बुनकरों को १००ः ऋण माफी की योजना लागू की जा रही है। इस योजना से राज्य के बुनकर एवं सहयोग समितियां को लाभ मिल सकेगा। गोड्डा में हैण्डलूम मेगा कलस्टर का शुभारम्भ किया जा रहा है। राज्य में वर्ष २०११-२०१२ में १५००० रेद्गाम उत्पादकों को उन्नत तकनीक से प्रद्गिाक्षण दिया गया है, जिसमें ७००० रेद्गाम उत्पादक संथालपरगना क्षेत्र के हैं। मुझे बताया गया है कि ।प्ब्ज्म् से मान्यता प्राप्त टूल रूम, दुमका में छात्रों का १००ः प्लेंसमेंट किया जा रहा है।
किसानों को फसलों की असामयिक क्षति पर पाइलट वेदर बेस्ड क्रॉप इंद्गयोरेन्स योजना के तहत क्षतिपूर्ति सुलभ कराई जा रही है। साथ ही, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना राज्य के सभी जिलों में लागू है। किसानों को लाह एवं तसर के पैदावार हेतु प्रोत्साहित करने के लिए भी कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। लोगों को स्वरोजगार के अवसर मुहैया कराकर उनकी आर्थिक हालात में सुधार लाने हेतु सरकार द्वारा दुधारू मवेद्गाी वितरण, दुधारू पशुओं का नस्ल सुधार, बछिया पालन, उत्पादकता वृद्धि, पशु पोषण एवं चारा विकास आदि कई महत्त्वपूर्ण योजनायें एवं कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। दुमका जिला अंतर्गत हंसदीहा में दुग्ध प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की स्थापना का कार्य प्रगति पर है।
गाँवों के पिछड़ेपन को दूर करने एवं ग्रामीणों के जीवन-स्तर में सुधार लाने हेतु महात्मा गाँधी राष्ट्रीय स्वरोजगार गारंटी योजना (मनरेगा योजना), इंदिरा आवास योजना, स्वर्णजयंती ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत व्यापक रूप से प्रयास किये जा रहे हैं।
राज्य के सभी लोगों को पर्याप्त मात्रा में शुद्ध पेयजल सुलभ हो सके, इस हेतु सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। साफ-सफाई की दिद्गाा में ग्रामीण इलाके में रहनेवाले लोगों के लिए शौचालय बनाये जा रहे हैं।
हमारे राज्य के कई गाँव आज भी बिजली की मूलभूत समस्या से जूझ रहे है। इस दिद्गाा में राजीव गाँधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना (आर०जी०जी०भी०वाई०) के तहत कार्य किये जा रहे हैं। संथाल परगना में जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय सोलर मिद्गान के तहत देवघर के चरसी पहाड ी में सोलर पावर प्लांट कायम किये जा रहे हैं।
ग्रामीण इलाके में रहनेवाले लोगों को बेहतर चिकित्सा सुलभ कराने के मकसद से संथाल परगना क्षेत्र के काठीकुण्ड एवं लिट्टीपाड ा, दुमका, केन्दुआ, पतना, साहेबगंज एवं नाला, जामताड ा में आधुनिक सुविधावाले ५०-५० बेड के ग्रामीण अस्पताल बनाये जा रहे हैं।
राज्य के ३९ नगर निकायों में द्गाहर की साफ-सफाई को ध्यान में रखते हुए खुली नालियों का निर्माण कम-से-कम हो, इस हेतु सिवरेज-ड्रेनेज सिस्टम को दुरूस्त किये जाने का मकसद है।
झारखण्ड राज्य में पर्यटन की असीम संभावनायें हैं, पर्यटन को उद्योग का दर्जा प्राप्त होने से बहुत-से लोगों को रोजगार मिल सकेंगे। इस दिद्गाा में राजमहल, देवघर, दुमका, गोड्डा सहित अन्य पर्यटक स्थलों के विकास हेतु पहल की जा रही है। सभी जानते हैं, बैद्यनाथ धाम, देवघर और
बासुकीनाथ धाम का विकास धार्मिक और पर्यटन, दोनों दृष्टिकोणों से बेहद जरूरी है।
देवघर स्थित हवाई पट्टी को धार्मिक एवं पर्यटन के दृष्टिकोण से ।पत बवददमबजपअपजल प्रदान करने हेतु अन्तरराष्ट्रीय स्तर के हवाईअड्डे में परिणत करने के मकसद से राज्य सरकार द्वारा ॥प् एवं केन्द्र सरकार के सहयोग से कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, सूबे की उपराजधानी दुमका में नियमित रूप से विमान के परिचालन के लिए मेसर्स जिंदल स्टील एण्ड पावर लिमिटेड से एकरारनामा किया गया है। राज्य में रेल यातायात को बढ़ाने की दिद्गाा में कई नई रेल परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है, जिसमें राँची-लोहरदगा रेल लाइन को टोरी तक बढ ाया जा रहा है, दुमका-रामपुरहाट एवं देवघर-दुमका की परियोजनाओं की स्वीकृति दी गई है। साथ ही, नई रेल परियोजना गोड्डा-हँसडीहा रेल लिंक योजना ली गई है।
सड कें विकास की पहचान होती हैं। इसलिए राज्य में सड क बनाने की दिद्गाा में तेजी लानी होगी, साथ ही यह भी देखने की जरूरत है कि सड कों की क्वालिटी बेहतर हो।
राज्य की अनुसूचित जनजातियों को उनका यथोचित हक मिले व बुनियादी सुविधायें से वे वंचित न रहे, यह हमारी प्राथमिकता है। उनके शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास हेतु कार्य किये जा रहे हैं।
कला एवं संस्कृति तथा खेल के क्षेत्र में झारखण्ड की देद्गा में ही नहीं, पूरी दुनिया में अलग पहचान है। इसके विकास पर और ध्यान देने की जरूरत है। इस दिद्गाा में दुमका जिला में जिला स्तरीय स्टेडियम का निर्माण कराया जा रहा है।
सूबे में साल २०१२ बिटिया वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। ‘बिटिया वर्ष एवं बचपन बचाओ’ योजना दरअसल हमारे समाज की बच्चियों और छोटे बच्चों को बेहतर जिन्दगी मिल सके, इसके लिए एक कोद्गिाद्गा है। सूबे में लड कियों के लिए ‘मुखयमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना’, ‘किशोरी स्वास्थ्य स्वच्छता
प्रोग्राम’ और ‘सबला योजना’ की शुरूआत की गई है।
लोग बेखौफ माहौल में रहे, राज्य में अमन और भाईचारा हर हाल में कायम रहे, यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिये। लोगों को साफ-सुथरा और कारगर शासन मिले, इसके लिए बेहतर कोद्गिाद्गा करने की जरूरत है।
राज्य के विकास के रास्ते में आज नक्सलवाद एक बड़ी समस्या है। लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। राज्य से उग्रवाद को मिटाने के लिए हिफाजती उपायों के साथ-साथ आम लोगों में भी बदलाव जरूरी है। मैं विकास की मुखयधारा से भटके हुए युवकों से अपील करता हूँ कि वें हिंसा का मार्ग छोड शांति एवं भाईचारे की राह अपनायें, इसी में उनका एवं राज्य का भला है।
मैं मानता हूँ कि राज्य के विकास के लिए बहुत काम करने होंगे। विकास और आवाम के कल्याण की योजनाओं को तेजी से लागू करने की कोद्गिाद्गा करनी होगी, जिससे हमारे सूबे की गिनती विकसित राज्यों की कतार में पहले पायदान पर हो।
भाइयों एवं बहनों, आज इस पाक मौके पर हम शपथ लें कि हम ऐसे इंसान बनेंगे, जो न सिर्फ खुद और परिवार के लिए सोचे, बल्कि समाज, सूबे और मुल्क की तरक्की के बारे में भी सोचे।
अन्त में मैं एक बार पुनः आप सभी को स्वतंत्रता दिवस के इस पाक मौके पर मुबारकबाद देता हूँ।
जय हिन्द! जय झारखण्ड!