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वृक्षरोपण के साथ वृक्ष के संरक्षण पर भी विषेष ध्यान देना होगा : महामहिम 
राँची, दिनांक 03 अगस्त, 2012

महामहिम राज्यपाल डा0 सैयद अहमद ने कहा है कि वृक्षरोपण के साथ वृक्ष के संरक्षण पर भी विषेष ध्यान देना होगा, तभी हम अपने लक्ष्य एवं उधेष्य को प्राप्त कर सकेंगे। महामहिम राज्यपाल आज मेगा स्पोर्टस काम्प्लेक्स, होटवार के समीप एन0एच0-33 पर 63वें वन महोत्सव का शुभारंभ कर रहे थे। इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव श्री आदित्य स्वरूप, सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग श्रीमती अलका तिवारी, राँची के प्रमंडलीय आयुक्त श्री सुरेन्द्र सिंह मीणा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री ए0के0 सिंह एवं श्री ए0के0 मल्होत्रा के अतिरिक्त बड़ी संख्या में स्कूल के बच्चे तथा वन विभाग के अधिकारीगण व कर्मीगण उपसिथत थे।

महामहिम राज्यपाल ने कहा कि वनों पर आश्रित लोग जिनकी आजीविका वन पदार्थों पर निर्भर है, उनके लिए रोजगार की वैकलिपक व्यवस्था भी करनी होगी। उन्होंने कहा कि फलदार वृक्षों के अतिरिक्त शाल, नीम, पीपल, बेल, बरगद इत्यादि के पौधे भी अधिक-से-अधिक संख्या में लगे। इन वृक्षों से आम आदमी मानसिक रूप से जुड़ा होता है। इस प्रकार वृक्ष की रक्षा और भी बेहतर हो सकेगी।

इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण सचिव श्रीमती अलका तिवारी ने कहा कि वृक्ष की महŸाा सर्वविदित है। वनों से इस राज्य के लोगों का अटूट संबंध है। उन्होंने कहा कि विकास कार्य, शहरों के विस्तार एवं औधोगिक विस्तार के कारण काफी वृक्ष कटते हैं। अत: वन विस्तार एवं विकास कार्य में संतुलन हो, इस पर विषेष ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि नन फारेस्ट लैण्ड पर एवं सड़कों के किनारे अधिक पेड़ लगे, यह भी जरूरी है।

अतिथियों का स्वागत करते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री ए0के0 सिंह ने कहा कि इस वर्ष राज्य में 16 हजार हेक्टेयर भूमि पर वनरोपण कार्य होगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त राज्य में 550 कि0मी0 पथों पर भी वृक्ष लगाये जायेंगे। इस क्रम में 2 करोड़ 50 लाख पौधे इस वर्ष राज्य में लगाने हैं। उन्होंने कहा कि विगत 4 वर्षों में राज्य में 200 वर्ग कि0मी0 में वनों का विस्तार हुआ है।

धन्यवाद ज्ञापन श्री डी0के0 श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर महामहिम राज्यपाल द्वारा एवं अन्य विषिष्ट अतिथियों द्वारा गुलमोहर का पौधा भी रोपा गया।

(श्यामानन्द झाद्ध)
जनसंपर्क पदाधिकारी

राँची, दिनांक 03 अगस्त, 2012

मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने राँची एवं खूँटी पथ प्रमण्डल के लिए संरचनाओं की मरम्मति, गैर योजना के अंतर्गत पथ एवं पथांश की मरम्मति कार्य, तथा पुल-पुलिया की विशेष मरम्मति की स्वीÑति दी है।

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राँची, दिनांक 02 अगस्त, 2012
महामहिम राज्यपाल डा0 सैयद अहमद को आज ब्रह्राकुमारी निर्मला बहन ने राजभवन आकर राखी बाँधी
महामहिम राज्यपाल डा0 सैयद अहमद को आज ब्रह्राकुमारी निर्मला बहन ने राजभवन आकर राखी बाँधी एवं महामहिम के स्वस्थ एवं दीघायर्ु जीवन की कामना की। इस अवसर पर ब्रह्राकुमारी निर्मला बहन ने महामहिम राज्यपाल को संस्था द्वारा किये जा रहे सामाजिक व आध्यातिमक कार्यों की भी जानकारी दी। इस अवसर पर संस्था के अन्य सदस्यगण भी उपसिथत थे। महामहिम राज्यपाल ने ब्रह्राकुमारी निर्मला बहन का उन्हें राखी बाँधने हेतु आभार व्यक्त किया तथा संस्था के उŸारोŸार विकास की कामना की। इस अवसर पर महामहिम ने कहा कि रक्षाबंधन मात्र पर्व ही नहीं, अपितु यह कौमी एकता एवं भार्इचारे का भी मजबूत सूत्र है। यह हमारे देष का एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की पहचान है, इसलिए यह पर्व अब सभी धर्मों में अपनी अच्छार्इयों के कारण प्रचलित हो गया है।

महामहिम राज्यपाल को आज रक्षाबंधन के अवसर पर विषेष श्रेणी के बच्चोंबचिचयों ने राजभवन आकर राखी बाँधा। महामहिम ने उन सभी बच्चोंबचिचयों का राखी बाँधने हेतु आभार प्रकट किया एवं अपनी ओर से शुभकामनायें व्यक्त की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

महामहिम राज्यपाल डा0 सैयद अहमद से आज केन्द्रीय मंत्री श्री सुबोधकान्त सहाय ने राजभवन आकर मुलाकात की। यह एक षिष्टाचार भेंट थी।

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श्री अर्जुन मुण्डा ने गोडडा पथ प्रमण्डल के लिए संरचनाओं की मरम्मति हेतु 352.50 लाख रू0 की योजना

मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने गोडडा पथ प्रमण्डल के लिए संरचनाओं की मरम्मति हेतु 352.50 लाख रू0 की योजना को स्वीÑति दी है। गैर योजना के अंतर्गत पथ एवं पथांश की मरम्मति कार्य के लिए 283 लाख रू0 तथा पुल-पुलिया की विशेष मरम्मति के लिए 69.50 लाख रू0 की स्वीÑति दी गयी है।
जिन पथों एवं पुल-पुलिया की मरम्मति की स्वीÑति दी गर्इ है वह निम्नवत है:-
(A) Road Work

SL.No Name of Raod Actual/Equivalent Length in Km Name of Work KM Amount (in Lacs)
1 Godda-Hansidha  (0to32.125Km) 32.125/73 Ordinary Repair 28 to 32.00 8.00
2  Mirzachouki – Boarijor Road (18to25.4km) 8.4/8.4 Special Repair Km 18 to 21.0 90.00
Special Repair Km 22 to 25.4 160.00
3 Simra-Boarjior Road (4to18km) 15/27 Constru-ction of Drain 400m Drain Const in km 9&10 and 700m drain cost in km 16km 25.00
Total: 283.00

(B)Bridges/Culvert workd.

SL.No Name of Raod Name of Work Size Amount (in Lacs)
1 Simra-Barijor Road (4to18km) culvert 6/3 Special Repair R.C.C Bridges Size3x1Mx1M 20.00
Culvert 7/1 Special Repair R.C.C Bridges Size 1x2Mx1.2M 7.00
Culvert 8/1 Special Repair R.C.C Bridges Size1x3Mx3M 18.00
Culvert 12/1 Special Repair R.C.C Bridges Size1x3Mx3M 18.00
Culvert 13/1 Special Repair R.C.C Bridges Size1x2Mx1M 6.50
Total: 69.50

मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने साहेबगंज पथ प्रमण्डल के लिए संरचनाओं की मरम्मति हेतु 99.50 लाख रू0 की योजना को स्वीÑति दी है। गैर योजना के अंतर्गत पथों की विशेष मरम्मति कार्य के लिए 29.00 लाख रू0, पुल-पुलिया के लिए 45.00 लाख रू0 तथा गोदाम मरम्मति एवं विविध कार्य के लिए 25.50 लाख रू0 की स्वीÑति दी गयी है।

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राँची, 01 अगस्त, 2012
CM ने विश्व स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त) का आनलार्इन शुभारंभ करते हुए कहा…
मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने विश्व स्तनपान सप्ताह (1 से 7 अगस्त) का आनलार्इन शुभारंभ करते हुए कहा कि हम सब आज मातृत्व की नैसर्गिक प्रक्रिया के प्रोत्साहन के लिए एकत्रित हुए हैं, जो मानव जीवन का आधार है। भारत विश्व का अनूठा देश है जहाँ माँ से जीवन को आधार मिलता है। माँ के स्पन्दन मात्र में ही जीवन की प्रगति हैं। हमारे वांड़ग्मय, हमारी परंपरा इस प्राÑतिक नियम को पुरजोर तरीके से रेखांकित करती है। स्तनपान का सीधा संबंध माँ, उसकी ममता और वात्सल्य से है। यह माँ और बच्चे के बीच का अदभुत प्रÑति प्रदत्त संबंध है, जो उस रिश्ते को सबसे खास, सबसे अलग बनाता है। माँ के द्वारा बच्चे को कराया गया स्तनपान वह अमृत है, जो जन्म लेते ही माँ की ममता के रूप में रक्षा कवच बनकर बच्चे को प्राप्त होता है। जन्म के पहले घंटे में यदि इसे सुनिशिचत कर लिया जाय तो यह आजीवन रोग प्रतिरोधक क्षमता के रूप में व्यकित को स्वत: प्राप्त होता है।

आज के वैज्ञानिक युग में एक ओर नित नये अविष्कार ने दुनिया को सिमट कर रख दिया है, वहीं कुछ मौलिक चीजों, आवश्यकताओं को वास्तविक जानकारी के अभाव अथवा आधुनिकता की होड़ में हम जाने-अनजाने छोड़ते चले जा रहे हैं। इससे हम अपना ही नहीं, बलिक अपने आने वाली पीढ़ी के भविष्य को भी दाँव पर लगाते जा रहे हैं। यह हमारे वर्तमान समय की मांग है कि समाज के प्रबुद्धविभिन्न वर्गों के बीच हम इसे व्यापक रूप से प्रचारित प्रसारित करें।

यह अत्यन्त हर्ष का विषय है कि प्रÑति की गोद में बसे, फल-फल, पेड़-पौधे, जंगलों से घिरे हमारे झारखण्ड प्रदेश में स्तनपान कराना वर्षों पुरानी परम्परा है। धन्य है हमारी धरती जहाँ माताएँ आज भी इस परंपरा का पूरी तरह निर्वहन करती है। हमारे प्रदेश में स्तनपान से जुड़ी कुछ मूल बातों का विभिन्न वर्गों खासकर शहरी परिवेश में अनुपालन एक समस्या है।

राज्य सरकार द्वारा घोषित ‘बचपन बचाओ वर्ष में हमारा यह प्रयास राज्य में कुपोषण के खिलाफ जंग में पहला कारगर कदम होगा। इस मुíे से जुड़ी हमारे राज्य की दूसरी समस्या बच्चे को सही तरीके से स्तनपान कराना है। नवजात शिशु इतना नाजुक होता है कि छोटी-छोटी बातें भी उसके जीवन पर अनुकूलप्रतिकूल प्रभाव डालती है। स्तनपान के सही तरीके, प्रथम छह माह तक सिर्फ स्तनपान तथा छह माह के बाद पूरक आहार के साथ-साथ दो वर्ष की आयु तक स्तनपान इत्यादि इस विषय से जुड़े कुछ ऐसे मुíे हैं, जिनका विभिन्न स्तरों पर व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे सिर्फ एक दिवसीयसाप्ताहिक आयोजन नहीं, बलिक एक निरंतर प्रयास होना चाहिए कि राज्य में बच्चों का समुचित पोषण जन्म से ही सुनिशिचत किया जा सके। अपने इस प्रयास से ही हम प्राÑतिक संसाधनों से प्रचुर झारखण्ड प्रदेश में नौनिहालों की एक स्वस्थ्य पीढ़ी के निर्माण में सफल होंगे और स्वस्थ्य झारखण्ड सुखी झारखण्ड की हमारी परिकल्पना मूर्त रूप ले सकेगी।

मंत्री समाज कल्याण श्रीमती विमला प्रधान ने कहा कि कर्इ सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जन्म के 1 घंटे के भीतर खिरसापान सुनिशिचत नहीं हो पाता है, तो कर्इ जगहों पर माँ का पहला गाढ़ा,पाला दूध फेंक दिया जाता है। हमारा प्रयास है कि आर्इ0सी0डी0एस0 एवं स्वास्थ्य विभाग के विभिन्न तंत्रों के माध्यम से विशेषकर हमारी आँगनबाड़ी सेविकासहिया के माध्यम से खिरसा दूध का महत्व जन-जन तक पहुँचे तथा राज्य के हर कोने में नवजात शिशु को जन्म से पहले घंटे के भीतर खिरसापान सुनिशिचत हो सके।

स्वास्थ्य मंत्री श्री हेमलाल मूमर्ू ने इस मौके पर कहा कि हमारे राज्य की यह विशिष्ट पहल होगी, जिसकी मदद से हम स्वस्थ्य पीढ़ी का निर्माण कर पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही कुपोषण के चक्र को तोड़ने में कामयाब होंगे। यह हमारी साझी जिम्मेवारी है। सभी सरकारी तंत्र, विभिन्न गैर-सरकारी संस्थान, समाज के प्रबुद्ध वर्ग और मीडिया की सक्रिय भागीदारी से हम समाज के विभिन्न वर्गों तक और राज्य के कोने-कोने तक स्तनपान से जुड़े विभिन्न तथ्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने में सफल हो सकेंगे।

आनलार्इन उदघाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार श्री मथुरा प्रसाद महतो, पूर्व मंत्री श्री रवीन्द्र राय, पूर्व सांसद श्री अजय मारू, प्रधान सचिव, समाज कल्याण, श्रीमती मृदुला सिन्हा, यूनिसेफ की पोषण विशेषज्ञ श्रीमती अनुपमा उपसिथत थीं। स्थानीय श्रीÑष्ण लोक प्रशासन संस्थान के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में यूनिसेफ के स्टेट हेड श्री जाब जकारिया, अध्यक्ष, राज्य बाल संरक्षण आयोग, श्रीमती रूप लक्ष्मी मुण्डा, निदेशक, समाज कल्याण, श्री राबर्ट मिंज एवं निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएँ डा0 प्रवीण चन्द्र उपसिथत थे।

डा0 सैयद अहमद से आज झारखण्ड विकास मोर्चा…

महामहिम राज्यपाल डा0 सैयद अहमद से आज झारखण्ड विकास मोर्चा का एक षिष्टमंडल राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री श्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में राजभवन आकर मिला एवं महामहिम को एक ज्ञापन समर्पित किया। ज्ञापन में चंदवा प्रखण्ड, लातेहार में सम्प्रति बंद सिकनी कोलियरी को पुन: चालू करने हेतु महामहिम से पहल करने का आग्रह किया गया है, ताकि सम्प्रति 40 हजार प्रभावित परिवारों का पुन: जीवनयापन सुचारू रूप से हो सके।
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महामहिम राज्यपाल डा0 सैयद अहमद से आज झारखण्ड राज्य पंचायत परिषद का एक षिष्टमंडल राजभवन आकर मिला एवं महामहिम को एक ज्ञापन समर्पित किया। ज्ञापन में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार सुलभ कराने हेतु महामहिम से पहल करने का आग्रह किया गया है। इसके अतिरिक्त षिष्टमंडल ने झारखण्ड राज्य पंचायत नियमावली के गठन, पंचायती राज अधिनियम के 73वें संषोधन में निहित अधिकार को जल्द-से-जल्द लागू करने, पंचायती राज अधिनियम 2001 में उल्लेखित शकितयों को शत प्रतिषत राज्य में लागू करने आदि हेतु भी पहल करने का आग्रह किया।

फोटो पी0आर0डी0 सार्इट पर उपलब्ध है।
(ष्यामानन्द झा)
जनसंपर्क पदाधिकारी

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राँची, 31 जुलार्इ, 2012

समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्य गाँव-गाँव तक नजर आने चाहिए.

समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्य गाँव-गाँव तक नजर आने चाहिए। राज्य मुख्यालय में बैठ कर योजनाओं का निर्माण ही मात्र दायित्व नहीं है, बलिक ग्राम, प्रखण्ड तथा जिला स्तर पर इन योजनाओं से लोग लाभानिवत हो रहे हैं या नहीं, इसकी मानीटरिंग ज्यादा महत्वपूर्ण है। संस्थागत विकास हो रहा है इसके साथ ही राज्य की संस्थाओं की अपनी पहचान बनानी चाहिए जो उसके कार्य से ही सम्भव है।

मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने उपरोक्त बातें आज समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग की बैठक के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि इस विभाग की योजनाओं का कार्यान्वयन पूरे राज्य में किस प्रकार हो रहा है, इसका जायजा वे स्वयं माह अक्टूबर से राज्य के विभिन्न जिलों के भ्रमण के दौरान करेंगे। समाज कल्याण विभाग स्वयंसेवी संस्थाओं, स्वयं सहायता समूह, महिला आयोग, समाज कल्याण बोर्ड अथवा बाल आयोग द्वारा जितने भी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं उन सभी पर एक प्रतिवेदन तैयार करें। वास्तविक रूप में धरातल पर इन योजनाओं का क्या प्रतिफल है यह मैं देखना चाहूँगा, मैं उन्हें सम्बोधित करना चाहूँगा। इसके लिए उन्होंने प्रत्येक जिले में डेढ़ घण्टे का समय अलग से देने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य महिला आयोग एवं बाल संरक्षण आयोग की पहुँच जिला स्तर पर अवष्य होनी चाहिए ताकि सुदूर एवं दुर्गम क्षेत्रों की महिलाओं को भी इनका लाभ मिलेंं।

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को उनके अपने वेबसार्इट के निर्माण हेतु निदेष दिया। उन्होंने कहा कि विभाग का अपना वेबसार्इट अवष्य होना चाहिए। सरकार की जितनी भी लाभकारी योजनाएं हैं, वह आम लोंगो की जानकारी में रहनी चाहिए। पारदर्षिता जितनी अधिक होगी सफलता की सम्भावना भी उतनी अधिक होगी। इसमें सभी योजनाओं की विस्तृत जानकारी होनी चाहिए। वेबसार्इट को प्रतिदिन अपडेट करें जितने भी सूचना पत्र निर्गत हों उन सभी को वेबसार्इट पर दें। उसका मार्इक्रोलेबल मानीटिरिंग होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने आपका सी.एम. डाट काम की कार्य प्रणाली से लोगों को अवगत कराया।

माननीय मुख्यमंत्री ने इस हेतु विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार पर भी बल दिया। उन्होंने प्रचार के दोनों ही माध्यमों (प्रिंट तथा इलेक्ट्रानिक) के उपयोग का निदेष दिया। विभाग के जितने भी हेल्प लार्इन हैं इसकी सूचना पंचायत स्तर तक होनी चाहिए। इसके लिए विज्ञापन प्रकाषित कर लोंगो को जागरूक करें। लोंगो की आवष्यकताएँ क्या हैं, उनकी सोच क्या है इसे समझना होगा।

श्री मुण्डा ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग का एक महत्वपूर्ण काम आँगनबाड़ी के माध्यम से गाँव स्तर तक चलता है। इसके साथ ही समाज कल्याण के अन्य कार्यक्रमों को भी विजुअलार्इज करना आवष्यक है जैसे ओल्ड ऐज होम, ब्लार्इंड स्कूल, महिला छात्रावास इत्यादि। उन्होंने कहा कि इस संस्थानों को चलाने के लिए प्रतिबद्ध स्वयंसेवी संस्थाओं का चयन करें। उन्होंने कहा कि यह दु:ख का विषय है कि राज्य में ब्लार्इंड स्कूल है, परन्तु षिक्षक के अभाव में वह चल नहीं रहा है। इसी प्रकार उन्होंने राज्य में ओल्ड ऐज होम, महिला छात्रावास इत्यादि की भी सिथति की जानकारी ली। उन्होंने सर्वप्रथम आधारभूत आंकड़ों के संकलन पर बल दिया। बिना वास्तविक आंकड़ों के योजना के कार्यान्वयन का उíेष्य पूरा नहीं होता है। मुख्यमंत्री ने स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन के आयोजन हेतु निदेष देते हुए कहा कि विषेष कार्यों के लिए प्रतिबद्ध संस्थाओं का चयन कर उन्हें प्रषिक्षित करें और प्रोत्साहित करें तभी इस क्षेत्र में सफलता सुनिषिचत है। इस कार्य में संवेदना आवष्यक है तभी सेवा हो सकती है।

मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा प्रत्येक माह महिला आयोग, समाज कल्याण बोर्ड, बाल आयोग इत्यादि के बैठक पर बल देते हुए कहा कि प्रत्येक कार्य में लोंगों की सहभागिता आवष्यक है। सरकार सेवा उपलब्ध कराती है, परन्तु वह सेवा लोगों तक पहुँच पा रही है अथवा नही इसकी जानकारी जनता से लेनी चाहिए। मासिक बैठक में क्षेत्रीय स्तर पर योजनाओं के कार्यान्वयन का वास्तविक स्वरूप सामने आएगा। विषेष कर गरीब परिवार की महिलाओं एवं आदिम जनजाति की महिलाओं तक भी सभी संबंधित सरकारी योजनाओं का लाभ पहुँचना चाहिए।

इस अवसर पर समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती बिमला प्रधान ने कहा कि महिलाओं के लिए चार जगहों पर हेल्प लार्इन कार्यरत है परन्तु हयूमन ट्रैफिकिंग को देखते हुए गुमला, सिमडेगा एवं लोहरदगा में भी हेल्प लार्इन आवष्यक है। महिला कोषांग 12 जिलों में कार्यरत है। महिलाएं उत्सुक हैं उनके सषकितकरण के लिए त्रिस्तरीय पंचायत स्तर पर पूरे मनोयोग से काम करने की आवष्यकता है।

बैठक में सचिव, समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती मृदुला सिन्हा ने विभाग के बजटीय प्रावधान, योजनाओं तथा विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। बैठक में महिला आयोग की अध्यक्ष, श्रीमती हेमलता एसŒ मोहन, समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष, श्रीमती प्रतिभा पाण्डेय, बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष, श्रीमती रूपलक्ष्मी मुण्डा भी उपसिथत थी।

श्री अर्जुन मुण्डा ने आज aapkacm.com में प्राप्त षिकायतों की समीक्षा की.

मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने आज aapkacm.com में प्राप्त षिकायतों की समीक्षा की। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से संबंधित माह जुलार्इ 2012 तक प्राप्त 1174 षिकायतों में से 769 षिकायतों को निष्पादन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शेष 405 षिकायतों पर शीघ्र कार्रवार्इ का निदेष दिया है। इसी प्रकार खाध, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले से संबंधित 1427 षिकायतों में से 954 षिकायतों का निष्पादन किया जा चुका है। शेष 473 षिकायतों पर शीध्र कार्रवार्इ का उन्होंने निदेष किया।

विदित हो कि aapkacm.com वेबसार्इट से सीधे तौर पर टाल फ्री नŒ 0651-305999 से जुड़े काल सेन्टर से संबद्ध है। इस टाल फ्री नं0 पर भी कोर्इ षिकायत कŸर्ाा अपनी समस्याओं से संबंधित षिकायतें दर्ज करा सकते हैं षिकायत शीघ्र संबंधित विभाग को भेजा जाता है तथा षिकायत के उपरांत षिकायत कŸर्ाा को सूचना उपलब्ध करा दी जाती है।

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