Governor Ahmad takes part in Kolhan University convocation function

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Jharkhand Governor Syed Ahmad and Union Rural Development Minister Jairam Ramesh today participated in the convocation function of the Kolhan University in Chaibasa,headquarter of West Singhbhum district.
While addressing the students,teachers and staff of the university on the occasion, Governor Ahmad said that though Jharkhand was rich in natural and mineral resources,they can not be used efficiently without intellectual resource.
The text of Governor Ahmad’s speech was released by public relations department, which is this;
कोल्हान विष्वविधालय के पहले दीक्षान्त समारोह के अवसर पर मैं आप सभी को हार्दिक बधार्इ देता हूँ, खासकर उन छात्रछात्राओं को, जो आज उपाधि प्राप्त कर रहे हैं। मैं इस समारोह में अपना बेषकीमती वक्त देने हेतु माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री जयराम रमेष जी का शुक्रिया अदा करता हूँ।
प्राकृतिक एवं खनिज सम्पदा से भरपूर हमारे राज्य में विकास की असीम संभावनायें हैं, लेकिन बौद्धिक संपदा के बिना हम इन प्राकृतिक और खनिज संपदाओं का कुशलतापूर्वक समुचित उपयोग नहीं कर सकते। इस परिप्रेक्ष्य में विष्वविधालय की महती भूमिका है। ज्ञान और इनफारमेषन टेक्नोलाजी के विभिन्न अवयवोंआयामों के जरिये ही हम विकास की रफ्तार को तेज कर सकते हैं। इस प्रदेष की जीवन्त कला-संस्कृति की राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विषिष्ट पहचान है।
षिक्षा किसी भी समाज और राष्ट्र के विकास में बुनियादी भूमिका निभाती है। वास्तविक सषक्तीकरण केवल ज्ञान से ही प्राप्त हो सकता है। अत: देष के सतत विकास के लिए उच्च षिक्षा का विस्तार बेहद जरूरी है, जिसमें विष्वविधालय की महŸवपूर्ण भूमिका है। विकसित देषों की आर्थिक मज़बूती का आधार उनके विष्वविधालय ही हैं। वैष्वीकरण के इस युग में उच्च षिक्षा में प्रतियोगिता बढ़ गर्इ है। इस परिप्रेक्ष्य में हमें अपने विधार्थियों को हर हाल में गुणवŸाायुक्त षिक्षा सुलभ करानी होगी, ताकि वे राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर रोजगार हासिल कर सके। साथ ही अपने काम से राज्य का नाम रौषन कर सके। षिक्षकों को सच्चे अर्थों में शिक्षा के प्रति समर्पित होना होगा। षिक्षक और विधार्थी के बीच रिष्ता और बेहतर हो।

वर्ष 2009 में राँची विष्वविधालय से विभाजित होकर कोल्हान विष्वविधालय बना। हमारी कोषिष है कि सभी तक उच्च षिक्षा सुगम्य बने, सभी वर्गों को आसानी से उच्च षिक्षा मिल सके, लड़कियों, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों को उच्च शिक्षा सुलभ कराने की दिषा में और विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उच्च षिक्षा के विस्तारीकरण हेतु आवष्यकतानुसार नये षिक्षण संस्थान भी कायम हो। ज्ञान अर्जन में जाति, लिंग व वर्ग कभी बाधक न बनेे। षिक्षा से ही लोगों में जागृति आ सकती है तथा सामाजिक कुरीतियों का पूरी तरह से समाज से अन्त हो सकता है।

देवियों एवं सज्जनों, षिक्षा सामाजिक परिवर्Ÿान और आर्थिक तरक्की का महŸवपूर्ण उत्प्रेरक है। बेहतर षिक्षा के जरिये ही सभी को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है। हम समझते हैं कि विश्वविधालय में बेहतर माहौल होना चाहिए। विष्वविधालय विधार्थियों को सिर्फ ज्ञान व कौषल ही न प्रदान करें, बलिक उनमें मानवता व सदाचार का मूल्य भी विकसित करें तथा नैतिक मूल्यों पर बल दे। हमारे षिक्षण संस्थानों का दायित्व है कि वे हमारे युवाओं में सभी के प्रति करूणा, महिलाओं के प्रति सम्मान, व्यकितगत जीवन में सत्य और र्इमानदारी, आचरण में अनुषासन व आत्मसंयम तथा कार्य में उŸारदायित्व की भावना आदि मूल्य विकसित करें।

चांसलर के रूप में हमारी हमेषा कोषिष रही है कि सत्र नियमित हो, परीक्षा का रिजल्ट सही समय पर जारी हो, उन्हें प्रमाण-पत्र ससमय सुलभ कराया जाय, ताकि स्टूडेंटस का किसी भी प्रकार का समय जाया अथवा बर्बाद न हो। विष्वविधालयों के संचालन में सुधार हेतु नियमित रूप से समीक्षा बैठक कर एकैडिमिक कैलेंडर का सूत्रण, वेबसाइट का निर्माण एवं उस पर संबंधित सभी सूचनाओं का उपलब्ध रहना, बेहतर शोध आदि दिषाओं में कार्य किया जा रहा है।

आज का दौर भूमंडलीकरण का है। हमें समय की बदलती रफ्तार के साथ अपने को बदलना होगा। तकनीकी क्रानित की उपेक्षा करने से हम पिछड़ जायेंगे। नर्इ तकनीक के लिए नयी ऊर्जा, नया सोच-विचार चाहिये और इसके लिए विष्वविधालय ही सबसे उपयुक्त जगह है। इसके लिए बेहतर सिलेबस के साथ-साथ टवबंजपवदंस ब्वनतेमे और श्रवइ व्तपमदजमक ब्वनतेमे पर विषेष ध्यान देना होगा, इसके जरिये नर्इ नौकरियों के लिए छात्र-छात्राओं को तैयार करना होगा। पारंपरिक पाठयक्रम का भी चलना जरूरी है, पर समय के अनुकूल बदलाव लाना होगा।

षिक्षित समुदाय ही किसी भी समाज का पथ-प्रदर्षक होता है। आप जिस किसी भी क्षेत्र का चयन करें, आपको उस क्षेत्र में म्गबमससमदबम हासिल करना चाहिए और यह केवल मेहनत और लगन से ही संभव है। यह मेहनत और लगन पढ़ने और पढ़ाने वाले, दोनों के लिए जरूरी है। उच्च षिक्षा का संबंध बेहतर षिक्षा से है और यही षिक्षा बेहतर समाज का निर्माण भी करती है। अत: हम सदैव विष्वविधालय को विज़नरी बनने के लिए कहते हैं। भूमंडलीकरण ने हमें नए अवसर प्रदान किये हैं और नर्इ चुनौतियाँ भी दी हैं। इस मौके का लाभ हमें उठाना चाहिये और नर्इ चुनौतियों को स्वीकार भी करना चाहिये।

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