Foreigners visit Jharkhand pavallion at IITF

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Jharkhand pavallion at IITF

प्रगति मैदान, दिल्ली में भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला 2012 अंतर्गत झारखण्ड पैवेलियन में आदिवासी आभूषण दर्षकों को काफी लुभा रहे हैं। ये आभूषण चांदी, गिल्लट, पितल एवं सोना आदि धातुओं से बनाये जाते हैं। मुरहू, खूंटी के विनय सोनी, यषोदा सोनी तथा पार्वती सोनी एवं रामगढ़ से आयीं गीता वर्मा ने झारखण्ड पैवेलियन में आदिवासी आभूषणों का विषाल संग्रह अपने स्टाल पर लगाया है। विदेषी दर्षक भी झारखण्ड पैवेलियन में आदिवासी आभूषण की खरीदारी करते नजर आये।

दर्षक चांदी के आभूषण जैसे बाजू, ढेला, नाला, बीछीया, पायल बड़े उत्साह से खरीद रहे हैं। झारखण्ड में उपलब्ध इस पारंपरिक आभूषण को यहां के आदिवासी उत्सव एवं पर्व पर पहनते हैं। सरहुल में इन आभूषणों का खास महत्व होता है। शादी के मौके पर वर पक्ष इन आभूषणों को वधु को भेंट करते हैं। इस आभूषणों के कर्इ नाम हैं जैसे मदली, हँसुली, पैयरी, पहँुची, मांकड़ी। स्टालधारक ने बताया की ‘तरपत’ एक ऐसा आदिवासी आभूषण है जिसे झारखण्ड के कारीगर के अतिरिक्त अन्य कोर्इ कारीगर नहीं बना सकता है।

देवघर से आये मो0 अजीम के स्टाल पर उपलब्ध लाह की चुडि़यां दर्षकों को काफी पसंद आ रही है। काफी लोग इसकी खरीदारी कर रहे हैं।

Jharkhand pavallion at IITF

आज झारखण्ड पैवेलियन में श्री राजीव लोचन बक्षी, भा0व0से0 अपर सचिव, सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, झारखण्ड ने आज झारखण्ड पैवेलियन का भ्रमण किया। उन्होंने कहा कि झारखण्ड की हस्तशिल्प की वस्तुओं को अन्तराष्ट्रीय व्यापार मेला में प्रर्दशित किये जाने से झारखण्ड के शिलिपयों को एक नया अवसर मिला है।

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