Direct PSUs to adopt pro active job policy,CM tells PM

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hemant soren Jharkhand Chief Minister Hemant Soren today addressed a meeting of the Rashtriya Ekta Parishad in New Delhi and asked the Prime Minister Manmohan Singh to direct the Public Sector Undertakings to follow pro active employment policy.

Soren said that he was attending the meeting of the Council for the first time.”I would like that such a meeting should be at held regular intervals”,said Soren

A press release issued by the public relations department provided the text of his speech in Hindi.Which is as follows:

राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक में यह मेरी पहली उपसिथति है। मैं चाहूंगा कि ऐसी बैठकें नियमित अंतराल पर हों। यह मंच न सिर्फ हमें अपनी बातों को रखने का अवसर देता है बलिक बहुत कुछ सीखने और समझने का मौका भी देता है। हमें अपने देश के सांस्कृतिक तथा सामाजिक ताने-बाने और सामुदायिक सौहार्द पर गर्व है। अमन चैन और अंहिसा का पैगाम हमारी धरती ने दुनिया को दिया है। हमें अपनी इस पहचान को बनाये रखना होगा। आपसी एकजुटता और सामाजिक समरसता को नर्इ उंचाइयों तक ले जाना होगा। देश के कुछ भागों में घटी हाल की घटनाओं ने हमें खुले मन से चिंतन करने को मजबूर किया है। हमेें सुनिशिचत करना होगा कि हमारी अखंडता और सामुदायिक सदभाव देश भर में बनी रहे। इसके लिए राजनीतिक दीवारों को गिरा कर हमें समग्र सोंच के साथ आगे बढ़ना होगा।

भारतवर्ष की अनेकता में एकता को अन्य देश अचरज भरी निगाहों से देखते हैंं। देश में कर्इ जाति, भाषा एवं धमोर्ं के लोग निवास कर रहे हैं। अनेकता में एकता ही देश की ताकत रही है। यही ताकत हमें दुनिया की शकितशाली देश के रूप में विकसित करेंगी। ये मेरा दृढ़ विश्वास है। हमें अपनी गौरवशाली परम्पराओं को संभाल कर रखने की आवश्यकता है।

लंबे समय से विघटनकारी शकितयाँ, देश को धर्म, जाति, भाषा आदि के आधार पर विभाजित करन के प्रयास में लगी हुर्इ हैंै। इन ताकतों की पहचान कर इनके मनसूबों पर पानी फेरने के लिए हमें अपने मतभेद भुलाने होंगें। हमारे मतभेदों का लाभ असामाजिक तत्व उठाते हैं। हमें अपनी बाधा खुद दूर करनी होगी। एक-दूसरे पर भरोसा करने की नर्इ मिसाल पेश करनी होगी। देश की सामाजिक समरसता को खत्म करने की कोशिश में लगी ताकतों की पहचान कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवार्इ करने की आवश्यकता है। झारखण्ड ऐसे तत्वों की पहचान कर सख्त कार्रवार्इ कर रहा है लेकिन ऐसे तत्वों की हरकतों को जड़ से खत्म करने के लिए अंतर्राज्यीय सहयोग और आपसी विश्वास को बढ़ाना होगा।

साम्प्रदायिक सदभाव बनाये रखना झारखण्ड सरकार की प्राथमिकता रही है। ऐसे मामलों में हम ्रमतव जवसमतंदबम की नीति पर कार्य कर रहे हैं। पुलिस प्रशासन में राजनीतिक हस्तक्षेप की कोर्इ गुंजार्इश हमारे यहां नही है। राज्य, जिला एवं प्रशासन के निचले स्तर तक संस्थागत व्यवस्था कार्यरत है। भारत सरकार द्वारा जारी साम्प्रदायिक सौहार्द कायम रखने संबंधी मार्ग-निर्देश का पालन करने के साथ हम अपनी ओर से भी विशेष प्रयास करते हैं। प्रशासन को संवेदनशील बनाया गया है। जिला स्तर पर उपायुक्त एवं पुलिस अधीक्षकों की जिम्मेवारी तय की गर्इ है। राष्ट्रीय एकता परिषद की अनुशंसा के आलोक में त्योहारों को सौहार्दपूर्ण एवं शांति पूर्वक सम्पन्न कराने के लिए नागरिक समिति का गठन कर विभिन्न समुदायों के बीच सामंजस्य स्थापित किया जा रहा है। हमारी सरकार सिर्फ विशेष अवसरों पर ही नहीं, बलिक सालों भर सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सजग एवं सक्रिय हैं।ं खुफिया तन्त्र को मजबूत करने की दिशा में हमने कर्इ ठोस कदम उठाये हैं, जिसका लाभ हमें मिला है और आगे भी मिलता रहेगा। राज्य में साम्प्रदायिक घटना नहीं के बराबर होती हैं। इसकी मुख्य वजह है आसामाजिक तत्वों पर पैनी नजर रखते हुए उन्हें नियंत्रित रखना। मीडिया एवं अन्य संचार माध्यमों के जरिये हम एक-दूसरे के प्रति प्रेम और विश्वास को बनाए रखने के सतत प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय प्रशासन, आम जनता एवं मीडिया के बीच समन्वय स्थापित करने हेतु समय-समय पर आयोजित बैठकें एवं आपसी संवाद बनाए रखने का ही परिणाम है कि राज्य में साम्प्रादायिक सौहार्द और सामाजिक समरसता का माहौल बना हुआ है।

प्रधानमंत्री जी को मेरा विनम्र सुझाव है कि हमें देश में साम्प्रदायिक सदभाव को बिगाड़ने की कोशिश करने वाली ताकतों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोरतम कार्रवार्इ की जानी चाहिए। केन्द्र सरकार को विभिन्न वगोर्ं, समुदायों और धर्मों के लोगों के बीच आपसी विश्वास बढ़ाने और एक-दूसरे को बेहतर तरीके से जानने और पहचानने के लिए विभिन्न माध्यमों का निरंतर एवं बेहतर उपयोग करना चाहिए। हमें युवा पीढ़ी में राष्ट्रीयता की भावना पैदा करनी होगी, एक-दूसरे के प्रति आदर एवं परस्पर सहयोग का महत्व समझाने के लिए स्कूल-कालेजों में विशेष कक्षा एवं सेमिनार आयोजित करने की दिशा में कदम बढ़ाना होगा। पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव के कारण पारंपरिक सामाजिक मूल्यों में आ रही गिरावट चिंता का विषय है। हमने अगर देश की सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखा तो सामाजिक सौहार्द और समरसता स्वत: बनी रहेंगी। युवाओं की उर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाने एवं उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करा हम युवा शकित के नकारात्मक साेंच और इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निजात पा सकते हैं। केन्द्र सरकार को राष्ट्रीय युवा नीति में संशोधन पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

इंटरनेट एवं संचार तंत्र की विकसित प्रणालियों के कारण दुनिया सिमट कर एक लैपटाप में बस गर्इ है। दुनियाभर के देशों में दूरियां घटीं हैं। विकसित संचार तंत्र ने हमें एक ओर जहां दुनिया को बेहतर तरीके से जानने और समझने का अवसर दिया है, वहीं ये वरदान कर्इ बार अभिशाप बन कर हमें विचलित भी करता रहा है। मैं किसी भी ऐसी प्रणाली पर प्रतिबंध लगाने का पक्षधर नहीं हूं, लेकिन निगरानी रखते हुए नियंत्रण रखना जरूरी मानता हूं। ैवबपंस डमकपं दुनिया भर के लोगों के बीच की दूरियां खत्म तो करता है परन्तु कर्इ मौकों पर इसे समाज को बांटने और दूरियां बढ़ाने का भी माध्यम बना लिया जाता है। हमें युवा पीढ़ी को जागरूक कर ैवबपंस डमकपं के माध्यम से उन्हें भटकाने, भड़काने एवं दिगभ्रमित करने के प्रयासों के प्रति भी सचेत करना होगा। केंद्र सरकार को ैवबपंस डमकपं पर नजर रखने के लिए एक ऐसी नीति का गठन करना चाहिए जो लोकतांत्रिक अधिकारों को सुरक्षित रखते हुए इस माध्यम के दुरूपयोग को रोके सके।

हाल के दिनों में देश भर में महिलाओं और नाबालिकों के साथ घटी घटनाओं ने हमें शर्मिंदा किया है। ऐसी घटनाओं के बाद हम सचेत एवं सक्रिय होते हैं। भटके लोगों में कानून का भय पैदा करने के साथ-साथ उनकी साेंच में आ रही नकारात्मकता को खत्म करने के लिए हमें विशेष प्रयास करने होंगे। हमारी सरकार महिला शिक्षण संस्थाओं एवं अन्य महिला संस्थाओें को सुरक्षित बनाने के प्रति गंभीरता से कार्य कर रही है। मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद महिला उत्पीड़न एवं शोषण जैसी घटनाओं में कमी आर्इ है। महिलाओं एवं समाज के सभी वगोर्ं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के प्रति हमारी सरकार संकलिपत है। हमने महिला पुलिस थानों के गठन के साथ-साथ महिलाओं के विरूद्ध घठित घटनाओं का त्वरित पंजीकरण तथा अनुसंधान करने के निर्देश सभी पुलिस अधीक्षकों और उपायुक्तों को दिये हैं। इन निर्देशों का सख्ती से पालन भी कराया जा रहा है। राज्य भर में आठ ।दजप भ्नउंद ज्तंपिबापदह न्दपजे कार्यरत हैं। इसके अलावा 455 ब्ीपसक मसंितम व्पिबमत पुलिस थानों में नियुक्त किये गये हैं। हमने अपने राज्य में ैचमबपंस श्रनअमदपसम च्वसपबम न्दपज का गठन भी कर लिया है।

झारखण्ड में अनुसूचित जाति एवं जनजाति की बड़ी आबादी निवास करती है। राज्य सरकार, अनुसूचित जाति एवं जनजातियों के कल्याण के लिए संपूर्ण समपर्ण के साथ काम कर रही है। ज्तपइंस ैनइ.च्संद योजना के तहत जनजातियों के विकास को गति प्रदान की जा रही है। कुछ बाधांए हैं, केंन्द्र को सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाते हुए झारखण्ड को विशेष सहयोग करने की आवश्यकता है। राज्य सरकार गरीबी रेखा के नीचे के लोगों को 1 रूपये प्रतिकिलो की दर से 35 किलोग्राम प्रति परिवार खाधान्य उपलब्ध करा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक विधालय खोले गये हैं, जिसके उत्साहजनक परिणाम देखे जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य कार्यक्रमों को प्रभावकारी बनाया जा रहा है।

अनुसूचित जाति एवं जनजाति के सदस्यों के विरूद्ध अत्याचार की घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार संवेदनशील है। राज्य का अपराध अनुसंधान विभाग घटनाओं की नियमित समीक्षा कर रहा है। सभी पुलिस अधीक्षकों एवं जिला दण्डाधिकारियों को विस्तृत दिशा-निर्देश दिये गये है। जिला स्तर पर पदाधिकारियों, विशेष कर थाना प्रभारियों को कमजोर वगोर्ं के प्रति संवेदनशील बनाये रखने के लिए नियमित प्रशिक्षण के कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। राज्य से अनुसूचित जाति एवं जनजातिय लोगों के रोजगार की तलाश में पलायन को रोकने के लिए हमारी सरकार विशेष प्रयास कर रही है, इसमें भी केंद्र से सहयोग की जरूरत है।

महानगरों में आर्थिक एवं शारीरिक शोषण की घटनाएँ चिन्ता का विषय है। मैं, प्रधानमंत्री जी का ध्यान इस ओर आकृष्ट करते हुए यह अनुरोध करना चाहूँगा कि Inter-State Migration Act ।बज को और कारगर बनाया जाए ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। इस संबंध में राज्य सरकार Domestic Workers (Training, Registration and Welfare) Act ।बज अधिनियमित करने का प्रस्ताव रखती है। राज्य में रोजगार सृजन के प्रयास किये जा रहे हैं।

युवाओं को तकनीकी शिक्षा प्रदान करने के लिए आर्इŒटीŒआर्इŒ स्थापित करने की महत्वकांक्षी योजना लागू है। राज्य में स्थापित उधोगों के साथ सहयोग से रोजगार के नये संभावनाओं की तलाश की जा रही है। खनन एवं अन्य उधोगों के कारण विस्थापन की समस्याओं के निदान के लिए पुनर्वास नीति गठित है। झारखण्ड राज्य में कर्इ केन्द्रीय लोक उपक्रमों द्वारा खनन कार्य किया जा रहा है। मैं माननीय प्रधानमंत्री जी से आग्रह करता हूं कि झारखण्ड को अपना हक मिलना चाहिए। कोल-इंडिया द्वारा खनन के लिए अधिकृत की गर्इ लगभग 24 हजार एकड़ सरकारी भूमि का मुआवजा राज्य सरकार को मिले। खनन की रायल्टी में भी बढ़ोतरी की जाय। मैं प्रधानमंत्री जी से यह भी अनुरोध करना चाहूँगा कि इन सार्वजनिक उपक्रमों को स्थानीय लोगों के नियोजन हेतु Proactive Recruitment Policy तैयार करने का निदेश दिया जाय।

अंत में मैं माननीय प्रधानमंत्री जी का आभार प्रकट करता हूँ कि मुझे अपने विचार रखने का अवसर प्रदान किया गया। साथ ही मैं यह विश्वास भी दिलाता हूँ कि राष्ट्र को मजबूत करने में झारखण्ड राज्य हमेशा आगे रहेगा।

जय हिन्द!

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