Jharkhand Governor Syed Ahmad today addressed the silver jubilee function of the Deepshikha at Aryabhatta hall of the Ranchi University.
Deepshikha,the only Institution of its kind to cater to special (physically challenged) children in and around Ranchi,was set up on July 17, 1988.This was the time when Purshree, a ladies organisation,started this Institute in a small room in Ranchi.
“With less than Rs. 10,000/- ($ 220) in our pockets and only one trained professional among us, it was our dream – the dream to create a platform for differently abled children – that sustained us, without any government aid”,states Deepshikha’s portal.
Governor Ahmad,who praised this institute,announced to donate Rs one lakh from his official fund.A press release issued by public relations department in Hindi said as follows:
माननीय राज्यपाल डा0 सैयद अहमद ने कहा है कि विषेष बच्चों को सहानुभूति की नहीं, बलिक सहयोग की जरूरत है। विषेष बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, अवसर प्राप्त होने पर उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सफलता अर्जित कर राज्य ही नहीं, वरन पूरे राष्ट्र को गौरवानिवत किया है। उन्होंने कहा कि कुछ बिन्दुओं पर ये बच्चे जरूर अन्य से भिन्न हो सकते है, परन्तु अन्य कर्इ विषिष्ट गुण एवं प्रतिभा इन प्यारे बच्चों में मौजूद है। अत: जरुरत है कि इनमें छिपी उन नैसर्गिक गुणों को उभारने की, उस पर जमी धूल को झाड़ने की। राज्यपाल महोदय आज राँची विष्वविधालय के आर्यभê सभागार में राज्य की प्रसिद्ध संस्था दीपषिखा के रजत जयन्ती समारोह तथा स्पेषल ओलंपिक भारत के 11वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक संयुक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। इस अवसर पर झारखण्ड राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष श्री अमिताभ चौधरी भी उपसिथत थे।
माननीय राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं को शीघ्रता से राज्य के वंचितों तक पहुँचाकर ही राज्य में खुषहाली लार्इ जा सकती है। उन्होंने कहा कि विषेष बच्चों के विकास हेतु राज्य के प्रत्येक नागरिक स्वविवेक से अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करे। राज्यपाल महोदय ने दीपषिखा के बच्चों के विकास हेतु अपने विवेकाधीन अनुदान मद से संस्था को 1 लाख रूपये देने की घोषणा की।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि इन विषेष बच्चों का जो संवैधानिक हक है, वह उसे हर हाल में मिले। यही हमारी चेष्टा होनी चाहिए। राज्य के षिक्षण संस्थानों में इनकेे लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है। विषेष श्रेणी के व्यकित भी अपने प्रतिभा एवं दृढ़ इच्छाषकित से वह सभी हासिल कर सकते हंै, जो किसी स्वस्थ व्यकित के लिये भी तमन्ना हो सकता है। इतिहास इसका गवाह है। उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा सारे विष्व से मनवाया है एवं वो आज भी आदर्ष है।
माननीय राज्यपाल ने कहा कि समाज की बेहतरी के लिए यह जरूरी है कि विषेष बच्चे भी आत्मनिर्भर हो। स्वयंसेवी संस्थाओं को पूरी समर्पण भाव से उनकी सहायता के लिए आगे आना चाहिये। वे लोगों में जागरूकता पैदा करने, उनके सर्वांगीण विकास हेतु विभिन्न योजनाओं पर गौर कर बच्चों को उनका लाभ दिलाने में मुस्तैद रहे। जनता, स्वयंसेवी संगठन व सरकार की सहभागिता से विषेष बच्चों की तरक्की और उनका पूर्ण विकास हो सकता है। सभी मिलकर इन बच्चों में ढृढ़ इच्छाषकित और संकल्प की भावना को विकसित करने हेतु हरसंभव कोषिष करें। उनकी जहाँ कर्इ भी जरूरत है, वे इन प्यारे बच्चों के साथ हैं। उन बच्चों की खुषियाँ व मुस्कान में ही उनकी मुस्कान छिपी हुर्इ है।
इस अवसर पर संस्था द्वारा विषेष बच्चों के विकास हेतु अपनी निरंतर सेवा देने हेतु डा0 एस0 हक निज़ामी, डा0 कृष्ण कुमार, श्री अजय मारू, श्रीमती सुधा खेतान, श्रीमती शानित मोहनी, श्रीमती पुष्पा संथालिया, श्रीमती चमेली देवी को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। स्वागत भाषण श्रीमती सुधा ने की तथा धन्यवाद ज्ञापन सैयद अली काजि़म ने किया।