Das Govt’s first Budget to put stress on ‘development of villages’

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Metting1Chief Minister Raghubar Das today presided over a meeting inside the Project Bhawan in Ranchi with senior officers on proposals of his government’s first annual budget for the year 2015-16.

“Development of the villages is the state government’s top priority”,he told the officials adding that the people in villages must get road,electricity,education and health care.

The public relation department prepared a story on the issue in Hindi saying as follows:CM said:

आधारभूत संरचनाओं के विकास के साथ ही राज्य का विकास होगा और विकास के साथ ही उग्रवाद समाप्त होगा। वे आज प्रोजेक्ट भवन में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए विभिन्न विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ बजट पर बैठक कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को निदेष दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे सड़कों का निरीक्षण वे स्वयं करें साथ ही सभी सड़कों का सर्वे करें एवं बन रहे पुल-पुलियों की भी समीक्षा करें। उन्होंने पदाधिकारियों को निदेष दिया सरकारी राषि का किसी भी प्रकार दुरूपयोग नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने कार्य के प्रति लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवार्इ की जाएगी।
स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को निदेष दिया कि प्रत्येक गाँव एवं सुदुरवर्ती क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल हैं परन्तु वहाँ न तो चिकित्सक है और न दवा, ऐसा अब नहीं चलेगा। सरकार गरीब ग्रामीणों तक स्वास्थ्य सुविधा पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा हेल्थ हेल्पलार्इन नम्बर 104 का व्यापक प्रचार-प्रसार करें ताकि आम लोग इसका उपयोग कर सकें। इमरजेंसी एम्बुलेंस सेवा के लिए नम्बर 108 का भी प्रचार किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर के सभी अस्पतालों में विषेषज्ञ चिकित्सकों की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए रिक्त पदों पर शीघ्र नियुकित की प्रक्रिया आरम्भ की जाए। उन्होंने मेडिकल काउंसिल आफ इणिडया द्वारा किए जा रहे आपत्तियों के संबंध में कहा कि मैन पावर बढ़ाएं इसके लिए आवष्यकतानुसार नियमावली बना कर सारी प्रक्रिया पूरी कर नियुकित की जाए।?
ऊर्जा विभाग की समीक्षा के क्रम में मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों को निदेष दिया कि गाँव-गाँव तक बिजली पहुँचनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बिजली चोरी एक महत्वपूर्ण समस्या है। कर्इ जगहों पर मीटर ही नहीं लगी है। अभियान चलाकर सभी उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगवाएं तथा यह व्यापक प्रचार-प्रसार करें कि बिजली चोरी करना अपराध है। उनहोंने कहा कि सूचना तकनीक का प्रयोग करें ताकि यह स्पष्ट हो सके कि किस इलाके में कितनी बिजली चोरी जा रही है एवं वहां से कितने राजस्व प्राप्त हो रहा हैं। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा के माध्यम से ग्रामीण इलाकों का विधुतिकरण सुविधाजनक होगा। सड़कों पर स्ट्रीट लार्इट में भी इसका उपयोग सम्भव है। उन्होंने राज्य में सोलर पालिसी बनाने का भी निदेष दिया।
ग्रामीण विकास विभाग के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में ग्रामीणों को भी भागीदार बनाएं। विकास संबंधी योजनाओं का कार्यान्वयन ग्रामीणों के माध्यम से कराएं। अपने क्षेत्र की समस्या ग्रामीण स्वयं बेहतर समझेंगे एवं उनका निदान भी बेहतर निकालेंगे। जनता की भगीदारी के साथ ही साथ गुड गवर्नेंस स्थापित हो सकेगा एवं पलायन तथा उग्रवाद जैसी समस्याओं का निदान संभव हो सकेगा। उन्होंने पंचायत एवार्ड स्कीम का निदेष देते हुए कहा कि विकसित पंचायतों को पुरस्कृत किया जाए ताकि अन्य पंचायत भी विकसित हों, समाजिक बुरार्इयां खत्म हो एवं ग्रामीण जागरूक बनें। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास की योजनाएं ग्रामीणों की सलाह से तैयार किए जाएं तथा जिला स्तर से उन योजनाओं के कार्यान्वयन की मानिटरिंग की जाए। उन्होंने वर्षा के पूर्व पूराने तलाबों के गहरीकरण का भी निदेष दिया। स्कीम रिजल्ट ओरिएंटेड बने। योजनाओं पर निर्णय ले एवं तत्काल योजना का कार्यान्वयन करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कुटीर उधोग को बढ़ावा दें साथ ही उनके उत्पाद को बाजार भी उपलब्ध कराएं ताकि पलायन रूके। उन्होंने कौषल विकास हेतु योजनाओं के निर्माण का भी निदेष दिया। राज्य में जिस प्रक्षेत्र की मांग है, जिस प्रक्षेत्र में लोगों को रोजगार दिया जा सकता है, उसी प्रक्षेत्र में कौषल विकास की योजनाएं बनार्इ जाएं। मुख्यमंत्री ने र्इ-गवर्नेंस पर बल देते हुए कहा कि प्रत्येक विभाग में एक आर्इ0टी0 मैनेजर, गुड प्रोग्रामर एवं अच्छे कम्प्यूटर आपरेटर की भी व्यवस्था होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित समाज के निर्माण के लिए षिक्षा अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि छठी कक्षा के बाद बहुत से छात्र विधालय छोड़ देते हैं, यह दुखद है। उन्होंने पदाधिकारियों को निदेष दिया कि ”चलाें स्कूल चलें हम के लिए सघन अभियान चलाएं। उन्होंने कहा कि विधालय मात्र भवन न रहे बलिक वहां षिक्षक, फर्नीचर, पेयजल,षौचालय, पंखा जैसी बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध हों समय पर बच्चों को किताबें मिले साथ ही पोषाक मिलें। उन्होंने षिक्षकों की उपसिथति सुनिषिचत करने का भी निदेष दिया।
बैठक में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री संजय कुमार, प्रधान सचिव वित्त श्रीमती राजबाला वर्मा, प्रधान सचिव सूचना तकनीक श्री एन0एन0सिन्हा, प्रधान सचिव योजना श्री अरूण कुमार सिंह, सचिव स्वास्थ्य श्री के0विधासागर समेत वरीय अधिकारीगण उपसिथत थे।

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