The repair work that could have been done in less than Rs four crore was accomplished at a cost of more than Rs 24 crore.
After this startling fact was brought into light by an enquiry conducted by a PSU-Bharat Heavy Electricals Ltd(BHEL) into the repair works of Jharkhand government owned Sikidri Hydro Electric Plant,carried out by Bharat Heavy Electricals Ltd(BHEL),BJP leader Saryu Rai has demanded a CBI probe into it.
Apart from plant and the state energy department officials,the managers of the BHEL were suspected to be responsible for this financial scam.
In a letter to Governor Syed Ahmad,Rai writes in Hindi saying this :
आपको मालूम होगा कि उपयर्ुक्त विषय में भारत सरकार के लोक उपक्रम पावर फाइनांस कारपोरेशन (सीर्इए) ने 25 पृष्ठों का एक जाँच प्रतिवेदन झारखंड सरकार और राज्य विधुत बोर्ड को सौंपा है। जाँच प्रतिवेदन से अनियमितता की पुषिठ हुयी है। साबित हो गया है कि सिकिदारी जल विधुत उत्पादन केन्द्र की 65ग2 मेगावाट की दोनों इाकइयों के सालाना मरम्मत का काम अधिक से अधिक 4 करोड रूपये में हो सकता था पर झारखंड राज्य विधुत बोर्ड ने यह काम बिना टेंडर निकाले 24 करोड रूपये में कराया। भारत सरकार का एक अन्य लोक उपक्रम भारत हेवी इलेकिट्रकल्स (भेल) भी इस षडयंत्र में बराबर का साझीदार है। राज्य सरकार और बोर्ड के अधिकारियों का भ्रष्ट आचरण और सरकारी खजाना की लूटें उनकी मिलीभगत इस प्रतिवेदन से प्रमाणित हो चुकी है।
इस बारे में मैं अबतक आधा दर्जन से अधिक पत्र आपको, आपकी सरकार के मुख्य मंत्री, मुख्य सचिव, ऊर्जा सचिव, वित्त सचिव को प्रमाण सहित लिख चुका हँ। राज्य सरकार ने भी और बोर्ड ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया है। राजय सरकार के संबंधित अधिकारी तो इस बारे में जानकर भी अनजान बने रहे। उन्होंने इस ऊर्जा घोटला पर परदा डालने की हर संभव कोशिश की। सीबाइआर्इ ने बोर्ड औी भेल के कार्यालयों से अपने स्तर से संबंधित कागजात हासिल कर प्रारमिभक पड़ताल किया है। पर जांच थ गर्इ है। संभवत: आगे जांच के लिये सीबीआर्इ को राज्य सरकार के अनुशंसा की जरूरत है। इस ऊर्जा घोटले की आगे की जांच के लिये सीबीआर्इ को राज्य सरकार का आदेश देने की कारवार्इ होनी चाहिये।
यह घोटला षडयंत्र रचकर राजकोष का दुरूपयोग करने और एक समूह विशेष का स्वार्थ आधने का एक ज्वलंत उदाहरण है। इस मामले में मैं तमाम सबूत सरकार और बोर्ड के सरकारी सदस्यों को दे चुका हूँ। आश्रचर्य है कि किसी भी संबंधित उच्च अधिकारीने पत्रों में मेरे द्वारा उठाये गये बिन्दुओं पर सिथति सप्ष्ट करना तो दूर मेरे पत्रों की प्रापित स्वीÑत की सूचना देने का कष्ट भी नहीं उठाया। सीर्इए के जांच प्रतिवेदन से इस बारे में मेरे सवाल सही साबित हुये हैं और राजकोष की लूट के लिये बरती गयी अनियमिततायें प्रथम दृषिट से प्रमाणित हो गयी है। इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर आपके स्तर से कारवार्इ नहीं होने से गलतफ़हमी फैलेगी कि अनियमितता करने वाला षडयंत्रकारी समूह झारखंड के सत्ता प्रतिष्ठान पर पूरी तरह हावी है और इनके आगे सभी नतमस्तक हैं।
बोर्ड में हो रही अन्य कर्इ अनियमितताओं के संबंध में जो सूचनायें विभिन्न स्त्रोतों से मुझे मिल रही है वे काफी गम्भीर है। बोर्ड के अधिकारी टीभीएनएल को भी अपनी गिरफ्त में लेने कर साजिश कर रहे हैं ऐसी सिथति में राज्य का ऊर्जा परिíेश्य निराशाजनक सिथति में पहूँचने की कगार पर है। राज्य में बिजली आपूर्ति की सिथति चरमरा गर्इ है। इसे सूधरने के लिये बोर्ड में व्यास अनियमितताओं पर अकुंश होने से डंके की चोट पर अनियमितता करने वाले बेकाबू होंगे। सीबीआर्इ सíश सक्षम एजेंसी ही मामले की जांचकर षडयंत्र की रह तक जा सकती है।
अत: अनुरोध है कि उपयर्ुक्त विविरण के आलोक में और पूर्व में मेरे द्वारा उपलब्ध कराये गये साक्ष्यों के आधार पर सिकिदारी जल विधुत घोटला की जांच सीबीआर्इ को सौपने की Ñपा की जाय। साथ ही सीर्इए 25 पृष्ठीय जाँच प्रतिवेदन के आधार पर दोषी अधिकारियों की शिनाख्त कर उनके विरूद्ध कारवार्इ की जाय।