सरकार की प्रतिबद्धता है कि सरकार की योजनाएं गाँव तक सीधे पहुँचे। हर आम व्यकित तक इनका लाभ पहुँचे। गरीब को उनका वाजिब हक मिले।
मुख्यमंत्री श्री अजर्ुन मुण्डा आज विधान सभा मैदान धुर्वा में मत्स्य Ñषक महोत्सव-सह-राज्य स्तरीय संगोष्ठी-2012 में उपसिथत जनों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास हेतु हर परिवार को आत्मनिर्भर बनना होगा। आम व्यकित की आकांक्षा परिवार की खुशहाली है, और सहयोगी के तौर पर राज्य सरकार की जिम्मेवारी बनती है कि उन्हें ऐसे कार्यों से जोड़ें की उनका परिवार खुशहाल हो। यह तभी सम्भव है जब वे आत्मनिर्भर हो। गरीबों को लाभ उत्पादन से जुड़ कर ही मिलेगा। यह उत्पादन Ñषि, मत्स्य, पशुपालन सभी क्षेत्र से सम्भव है। ग्राम्य जीवन इन्ही पर आधारित है इनका विकास आवश्यक है। गाँव के लोगों को अच्छा अवसर मिले तो गाँव अपने आप आत्मनिर्भरशील बनेगा।
उन्होंने कहा कि राज्य में मत्स्य पालन के क्षेत्र में निरंतर विकास हो रहा है। आज बाजार की माँग के अनुसार उत्पादन हो रहा है। आवश्यकता है कि हमारे उत्पाद देश के अन्य राज्यों तक पहुँचे। हमें इसके लिए अपने निर्धारित लक्ष्य को पार करने की आवश्यकता है। कर्इ बार उत्पादन बढ़ने के साथ ही मूल्य में कमी आ जाती है, इसलिए इनके पैकेजिंग स्टोरेज एवं अन्य राज्यों में इसे भेजने की भी व्यवस्था होनी चाहिए। हर उत्पादन को भैल्यू एडिशन के साथ जोड़ना आवश्यक है। इसमें स्थानीय बुद्धिजीवी एवं पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस आयोजन के बाद यहाँ से आप यह संकल्प ले कर जाएं कि हमारा प्रदेश क्षेत्रफल की दृषिटकोण से छोटा है, परन्तु मत्स्य उत्पादन के क्षेत्र में यह देश का नम्बर वन राज्य बन सकता है। आपके सुझावों को विभाग द्वारा गम्भीरता से लिया जाएगा तथा उन सुझावों के अनुसार आगे की योजनाओं का निर्माण किया जाएगा। हम सब को मिलकर आत्मनिर्भर बनना है, राज्य को आत्मनिर्भर बनाना है। इस हेतु नए तरीकों को अपनाने हेतु प्रशिक्षण अधिक से अधिक लोगों को मिले इसका प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष से धान क्रय की योजना लागू की गर्इ जिसके तहत 10.50 रू0 की दर से धान का क्रय कर एक रू0 प्रति किलो की दर से चावल किसानों को देने का प्रावधान रखा गया। इस वर्ष यदि सरप्लस धान हो तो यह कीमत 12.50 रू0 रखी जाएगी ताकि किसानों को अधिक से अधिक लाभ पहुँचाया जा सके।
सोसल आडिट की बात कहते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों तक सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए। पंचायत प्रतिनिधियों को इनका हिसाब रखना है, वहीं पंचायत से, मुखिया से, जिला परिषद से, हिसाब जनता को लेना है। योजनाओं की क्रियान्वयन की जिम्मेवारी उनकी है। लक्ष्मी लाडली योजना, जननी सुरक्षा योजना इत्यादि की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इनकी जानकारी जन-जन तक पहुँचनी चाहिए यदि इनमें कहीं कोर्इ कठिनार्इ होती है तो उसके खिलाफ आवाज उठाइए तभी समानुपातिक रूप से लाभ मिलेगा। हमें खुद को एक आदर्श नागरिक के रूप में स्थापित करना है।
अन्य क्षेत्र भी हैं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य इनका भी विकास आवश्यक है। बालिका शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। इसे अभियान के रूप में लेते हुए हमें सफलता हासिल करनी है।
कार्यक्रम में Ñषि मंत्री श्री सत्यानन्द झा बाटुल, प्रधान सचिव Ñषि श्री अरूण कुमार सिंह, निदेशक Ñषि श्री के0के0सोन, निदेशक मत्स्य श्री राजीव कुमार, निदेशक गव्य विकास, बागवानी मिशन समेत अनेक गणमान्य लोग पूरे राज्य से आए दस हजार से अधिक मत्स्य Ñषक उपसिथत थे। इस अवसर पर पशुपालन, बागवानी फसलें, आधुनिक Ñषि यंत्र, कटार्इ उपरांत प्रबंधन एवं मूल्यवद्र्धन, फसल उत्पादन विज्ञान, Ñषि प्रसार की योजनाएँ, ।हतपबनसजनतंस म्गजमदेपवदए ैवपस ैबपमदबमए ब्वउचनजमत ।चचसपबंजपवद पद ।हतपबनसजनतमए ैवपस ंजमत ब्वदेमतअंजपवद इत्यादि किताबों विमोचन भी किया गया।