राज्य की जनोपयोगी योजनाओं के कार्यान्वयन, उपबंध के विनियोजन, लाभुकों तक कार्यक्रमों की पहुँच और निवेष के आलोक में आउटकम के भौतिक मूल्यांकन के तीसरे चरण में आज मुख्यमंत्री ने क्रमष: जल-संसाधन, वन एवं पर्यावरण, कला संस्कृति एवं खेल कूद, ग्रामीण विकास, पंचायती राज, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग की समीक्षा की। समीक्षा के इस कार्यक्रम में उप-मुख्यमंत्री श्री सुदेष महतो, मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री के विकास सलाहकार, विकास आयुक्त, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, सचिव, ग्रामीण विकास, सचिव, विज्ञान एवं प्रावैधिकी, सचिव, वन एवं पर्यावरण, सचिव, एन0आर0र्इी0पी0, आयुक्त, मनरेगा आदि ने भाग लिया।
ग्रामीण विकास की बिंदुवार समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने पारदर्षी प्रषासन के आलोक में सर्वप्रथम झारखण्ड के गाँव-गाँव तक को शीघ्र एम0आर्इ0एस0 के साथ जोड़ने, मूल्यांकन उपलबिध, लाभुक, कार्यक्रम और योजना को आन-लार्इन किए जाने, 5 वर्षों के लिए समेकित कार्य योजना तैयार कर डेवलपमेंट सिस्टम में डालने का आदेष दिया। इंदिरा आवास एवं अन्य कार्यक्रमों के लाभुक का एडवांस प्लानिंग के आधार पर सेडयूल तैयार किया जाना चाहिए और उन्हें यह बताया जाना चाहिए की उनका नंबर कब आएगा। पंचायती राज संस्थाओं और सरकार के बीच विकास का पारस्परिक तारतम्य होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने मनरेगा की समीक्षा करते हुए कहा कि राज्य को पंचायतों के लिए एक उत्कृष्ट मैन पावर सृजित करना है जो न केवल योजनाओं का कार्यान्वयन करावें, बलिक संसाधन और राजस्व की भी चिंता करें। इसलिए पंचायत विकास पदाधिकारी के रूप में पंचायतों के लिए पद की व्यवस्था की जाय।
उन्होंने सिस्टम, वित्तीय प्रबंधन, पारदर्षिता को सुचारू बनाते हुए क्षमता विकास पर बल दिया तथा विभाग को निदेष दिया की सारी नियुकितयों को भरने की कार्रवार्इ करें अगर विभाग को कठिनार्इ हो रही है तो प्रस्ताव मेरे समक्ष प्रस्तुत करें। आर्इ0ए0पी0 कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास कार्यक्रमों के लिए किसी प्रकार की कमी नहीं रहने दी जायेगी।
उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में प्राप्त षिकायतों, आपत्तियों, परिवादों के संदर्भ में भी जानकारी प्राप्त की। बार-बार बेहतर मानव संसाधन सृजन के प्रति विभाग को सचेष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि आधारभूत संरचना के लिए जो मैन पावर चाहिए उसके लिए सोंच में बदलाव चाहिए। जब तक डेलेवरी प्वांर्इट तक आपके कार्यक्रमों की पहुँच नहीं होगी, योजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिलेगा। इसी आलोक में मुख्यमंत्री ने योजना आयोग के प्रतिवेदन को पढ़ने का भी आदेष दिया। उन्होंने तकनीकी कर्मचारियों, पदाधिकारियों के लिए प्रस्ताव लाने का भी निदेष दिया एवं विधायक, सांसद मद के कार्यान्वयन को भी गंभीरता से लिया।
ग्रामीण विकास के 1150 करोड़ के उदव्यय के विरूद्ध 879 करोड़ की राषि स्वीकृत की गर्इ है तथा 503 करोड़ का आवंटनादेष निर्गत हुआ है। मुख्यमंत्री ने डछळैल् योजना डडटल् को तेज गति देने का भी निदेष विभागों को दिया। पंचायती राज विभाग की समीक्षा के क्रम में ठत्ळथ् और प्ण्।ण्च् मद में उपलब्ध राषि के विनियोजन, सभी पंचायतों को आन-लार्इन मैनेजमेंट के लिए झारनेट के साथ सर्विस गेटवे, प्रज्ञा केन्द्र आदि के लिए झारनेट, जैप आर्इ0टी0 और बी0एस0एन0एल0 के साथ कार्य योजना बनाने का भी निदेष मुख्यमंत्री ने दिया। उन्होंने ठत्ळथ् के पैसे से पी0सी0सी0 सड़क बनाने पर कड़ी आपत्ती प्रकट की तथा यह भी निदेष दिया की किसी भी हालत में फंड का दुरूपयोग न हो। च्ण्त्ण्प्ण् के संस्थाओं के साथ टपकमव.ब्वदमितमदबपदह के परिणाम से मुझे अवगत करायेंं ताकि मै जिलों के प्रभारी मंत्रियों के साथ जिला योजना पर विमर्ष कर सकूँ। प्राथमिकता तय करते हुए विभाग काम करें।
मैं अक्टूबर से सारे जिलों में ‘एक जिला एक दिन भ्रमण करूंगा। विज्ञान एवं प्रावैधिकी की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने विभागीय उपलबिधयों पर चिंता जाहिर की उन्होंने 13 पूर्व निर्मित और 13 स्वीकृत पालिटेकनीक को सुचारू रूप से चलाने के लिए विभागीय सचिव को आदेष दिया। मुख्यमंत्री ने छात्रों के पलायन के बारें में भी जानकारी की अपेक्षा की इसी के साथ-साथ कला संस्कृति एवं खेलकूद विभाग के भी विभागीय कार्यक्रमों की मुख्यमंत्री ने समीक्षा की तथा ैचवतजे ।बंकमउल ;ब्मदजतम व मिगबमससमदबमद्ध च्च्च् मोड में खोल जाने, स्टेडियम मेनटेनेंस, स्पोर्टय यूनिवर्सिटी, यूथ फेस्टीवल, पार्इका छैै आदि के संदर्भ में जानकारी प्राप्त की।