मुख्यमंत्री श्री अर्जुन मुण्डा ने आज सूचना भवन का औचक निरीक्षण करते हुए कहा कि सूचना भवन में प्रवेश करते ही सभी को झारखण्ड से संंबंधित सभी सूचनाएँ मिलनी चाहिए। इसके लिए झारखण्ड संबंधित सभी आधारभूत सूचनाओं का प्रदर्शन होना चाहिए। यहाँ की परम्पराओं एवं संस्Ñति से संबंधित छायाचित्रों का प्रदर्शन इस प्रकार हो कि झारखण्ड की संस्Ñति को यहाँ आने वाले लोग एक झलक में ही समझ सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्यालय की कार्य संस्Ñति वहाँ के परिवेश से परिलक्षित होती है, अत: कार्यालय में साफ सफार्इ की विशेष व्यवस्था होनी चाहिए। इसका प्रभाव कर्मियों के कार्य क्षमता पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि कार्य संस्Ñति के विकास में कर्मियों के बैठने की व्यवस्था की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बैठने की व्यवस्था भौतिक रूप से अलग-अलग हों परन्तु पारदर्शी हो ताकि किसी को किसी के कार्य से असुविधा न हो साथ ही पूरा कार्यालय एक टीम के रूप में कार्य करता हुआ दिखे। कार्य संस्Ñति का विकास आवश्यक है, इसके लिए मोटिवेशनल प्रोग्राम चलाए जाने चाहिए। मानव शकित की कार्य क्षमता का योजनाबद्ध तरीके से अधिकतम उपयोग होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विश्वसनियता सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। सूचनाएं शकित हैं इसका उपयोग होना चाहिए। इस विभाग को सरकार के आर्इना के रूप में स्थापित होना है, अत: यह सभी विभागों का एक विन्डो प्वार्इंट बनें। सभी विभागों से नियमित समन्वय स्थापित हों। ऐसी व्यवस्था सुनिशिचत हो कि विभिन्न विभागों में हुए विकास संबंधित कार्यों पर आधारित आधे घण्टे एवं एक घण्टे का प्रचार सामग्री लगातार प्रदर्शित होेती रहे। सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा विभिन्न प्रकाशित सामग्रीयों जिसमें पत्रिकाएं, ब्रोशियर एवं अन्य विभागों द्वारा प्रकाशित प्रचार सामग्री सभी का सुनियोजित तरीके से डिसप्ले होना चाहिए।
इस अवसर पर सचिव सूचना एवं जन-विभाग श्री एम0आर0मीणा, अपर सचिव श्री राजीव लोचन बक्शी, उप सचिव श्री अरूण कुमार रतन, निदेशक सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग श्री आलोक कुमार गुप्ता, उपायुक्त राँची श्री विनय कुमार चौबे, आरक्षी अधीक्षक श्री साकेत कुमार, अनुमण्डल अधिकारी श्री अमीत कुमार समेत विभाग के सभी पदाधिकारीगण उपसिथत थे।