रांची, दिनांक-29.07.2012
आने वाले समय में बढ़ती आबादी के लिये खाध सुरक्षा जरूरी है।इस की महत्ता पर बल देते हुए मुख्यमंत्री श्री अजर्ुन मुण्डा ने कहा कि झारखण्ड प्रदेश की विशिष्ट भौगोलिक बनावट, खनन, खास कर कोल-माइनिंग से उत्पन्न होर हे पर्यावरणीय प्रभाव का असर भी सूबे की कृषि पर पड़ना स्वाभाविक है।निरंतर होर हे जलवायु परिवर्तन से भी कृषि-आजी विका पर लगातार असरपड़ रहा है।अत एव अगले न्यूनतम दस वर्षों के कृषि उत्पादन की रण नीति हेतु कृषि विशेषज्ञों वैज्ञानिकों, पर्यावरण विदों की टीम बनाकर अध्ययन किया जाना चाहिए।मुख्यमंत्री ने आज कृषि विषयक बैठक में संबंधितों को निदेशित किया कि बीते दस वर्षों के कृषि उत्पादन के आंकड़ों के प्रोजेक्शन के साथ इस आर्थिक-वैज्ञानिक अध्ययन की शुरूआत करें एवं इस कार्य में कृषि क्षेत्र के अकादमिक विशेषज्ञों की हर संभव मदद लें।